कानपुर (ब्यूरो)। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी यानि एचबीटीयू के डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम हॉस्टल में 16 अक्टूबर की आधी रात में छात्रों के दो गुटों में हुई मारपीट मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा एक्शन किया है। प्रॉक्टोरियल बोर्ड की सिफारिश पर आरोपी बीटेक फोर्थ ईयर के दो छात्रों को एक साल के लिए विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया ह.ै जबकि चार छात्रों पर अर्थदंड और छात्रावास निष्कासन की कार्रवाई की गई है। झगड़े में शामिल नौ अन्य छात्रों पर केवल जुर्माना की कार्रवाई की गई है।

बोर्ड ने सभी को माना दोषी
बोर्ड ने जांच में पाया कि विश्वविद्यालय के पश्चिमी परिसर में स्थित डा। एपीजे अब्दुल कलाम छात्रावास में जन्मदिन पार्टी में शामिल होने के लिए बीटेक थर्ड ईयर के तीन छात्र पहुंचे थे। छात्रावास वार्डन की अनुमति के बगैर तीनों छात्रों ने रात में छात्रावास में प्रवेश किया और आधी रात तक चलने वाली जन्मदिन पार्टी में शामिल हुए। तीनों को छात्रावास में अवैध तरीके से प्रवेश करने और झगड़ा करने का दोषी माना गया है लेकिन इन पर केवल पांच हजार रुपये का जुर्माना ही लगाया गया है।

पांच नवंबर तक देना होगा जुर्माना
जबकि एफआईआर में आरोपी दोनों छात्रों को एक साल के लिए विश्वविद्यालय की सभी शैक्षणिक और गैरशैक्षणिक गतिविधियों से निष्कासित किया गया है। चार अन्य छात्रों पर पांच हजार रुपये के अर्थदंड के साथ हमेशा के लिए छात्रावास से निष्कासित करने और नौ अन्य छात्रों पर तीन हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। दंडित किए गए सभी छात्रों को पांच नवंबर तक जुर्माना राशि जमा करनी होगी।

अभिभावकों ने बोर्ड के फैसले का किया विरोध
कठोर दंड पाने वाले छात्रों के अभिभावकों ने विश्वविद्यालय के निर्णय को छात्रों का भविष्य बिगाडऩे वाला बताया है। अभिभावकों ने कहा कि छात्र गुटों के बीच झगड़ा हुआ है। दूसरे पक्ष ने भी जानलेवा हमला किया था। निष्कासन का दंड उचित नहीं है। इससे बच्चों का भविष्य खराब होगा।

एंटी रैङ्क्षगग कमेटी भी करेगी जांच
छात्रों के दो गुटों में हुए झगड़े के बाद पीडि़त छात्रों की ओर से यूजीसी में रैङ्क्षगग की शिकायत भी की गई है। प्राक्टर बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय ने कार्रवाई की है लेकिन रैङ्क्षगग हुई अथवा नहीं हुई है। इसकी जांच अब एंटी रैङ्क्षगग कमेटी करेगी। जिसकी रिपोर्ट यूजीसी को भेजी जाएगी।

छात्रों के दो गुटों में हुए झगड़े के बाद पीडि़त छात्रों की ओर से यूजीसी में रैङ्क्षगग की शिकायत भी की गई है। प्राक्टर बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय ने कार्रवाई की है लेकिन रैङ्क्षगग हुई अथवा नहीं हुई है। इसकी जांच अब एंटी रैङ्क्षगग कमेटी करेगी। जिसकी रिपोर्ट यूजीसी को भेजी जाएगी।