कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के सभी डिपार्टमेंट अपने प्रॉफिट अमाउंट का एक परसेंट इनोवेशन सेल को देंगे। डिपार्टमेंट की ओर से दिए गए फंड से इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे स्टूडेंट्स इनोवेशन करके नए प्रोडक्ट बनाएंगे और स्टार्टअप की ओर बढ़ेंगे। यह डिसीजन वेडनसडे को सीएसजेएमयू के सेंटर फॉर एकेडमिक्स मेें वीसी प्रो। विनय पाठक की अध्यक्षता में हुई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिया गया। इसके अलावा सोशल साइंस डिपार्टमेंट के वह कोर्स जिनमें पांच के कम स्टूडेंट हैैं उनको बंद किए जाने पर भी डिसीजन लिया गया। वहीं, यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पहली बार पीएचडी कोर्स शुरू करने पर भी सहमति बनी है।
ये अहम फैसले लिए गए
-मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पहली बार पीएचडी शुरू करने पर सहमति
-पांच से कम स्टूडेंट वाले कोर्सेस को बंद करने का भी हुआ फैसला
-एक साथ दो यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई कर सकते हैं स्टूडेंट
-सीआरपीसी को रिसर्च वर्क बेहतर बनाने के भी निर्देश दिए गए
एक साथ दो डिग्री प्रोग्राम
एकेडमिक काउंसिल मेें तय हुआ कि स्टूडेंट अब एक साथ दो डिग्री प्रोग्राम्स को कर सकेंगे, जिसमें एक प्रोग्राम ऑनलाइन और एक ऑफलाइन होगा। ऑनलाइन प्रोग्राम आप किसी अन्य यूनिवर्सिटी का भी सिलेक्ट कर सकते हैैं। स्टूडेंट्स की डिमांड को देखते हुए यूनिवर्सिटी के फार्मेसी, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन और जर्नलिज्म समेत कई डिपार्टमेंट की सीटों को बढ़ाया गया।
रिसर्च होगी और भी बेहतर
रिसर्च को बेहतर बनाने के लिए एकेडमिक काउंसिल मेें डिस्कशन हुआ। तय हुआ कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के अंतर्गत काम करने वाले सीआरपीसी को रिसर्च बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए। कहा गया कि यह सेल रिसर्च स्कॉलर के लिए वर्कशाप आदि आयोजित करेगी। मीटिंग में रजिस्ट्रार डॉ। अनिल कुमार यादव, प्रोवीसी प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी, एग्जाम कंट्रोलर राकेश कुमार, डीन एकेडमिक्स डॉ। बृष्टि मित्रा, डीन एडमिनिस्ट्रेशन प्रो। सुधांशु पांड्या, सीडीसी डायरेक्टर प्रो। आरके द्विवेदी और डॉ। अंशू सिंह आदि रहे।
बीसीए और बीएएलएलबी वालों को भी चांसलर ब्रांज मेडल
सीएसजेएमयू में होने वाले कॉन्वोकेशन में बीसीए और बीए-एलएलबी के स्कॉलर्स को भी चांसलर ब्रांज मेडल पाने वालों की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। वेडनसडे को वीसी प्रो। विनय पाठक की अध्यक्षता में हुई एग्जाम कमेटी की मीटिंग में यह डिसीजन लिया गया है। इसके अलावा यूजी (पांचवे और छठवें सेमेस्टर), पीजी (तीसरे और चौथे सेमेस्टर) के सप्लीमेंट्री एग्जाम के प्रैक्टिकल और वायवा कानपुर के गवर्नमेंट और एडेड कॉलेजों मेें होंगी। यूजी और पीजी (एनुअल एग्जाम) समेत कई कोर्सों की छूटे हुए प्रैक्टिकल और वायवा को भी जल्द ही कराए जाने पर सहमति बनी है।