कानपुर (ब्यूरो)। जीवनादायिनी गंगा नदी और नालों के बोझ करा रही पांडु नदी के निर्मल होने की उम्मीद जगी है। क्योंकि तीन दिन पहले जारी केंद्रीय बजट में नमामि गंगे के तहत भी धनराशि जारी हुई है। उम्मीद है कि सिटी में गंगा और पांडु नदी में गिर रहे नौ नालों को बंद करने के लिए भी धनराशि मिलेगी।

पिछले चार साल से नाला बंद करने के लिए जल निगम बजट की मांग रहा है लेकिन केवल आश्वासन मिला है। इसकी वजह से पहले 48 करोड़ रुपये से नाले बंद होने थे, जो बजट बढक़र 61 करोड़ हुआ और अब 138 करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें गंगा के पांच और पांडु नदी के चार नाले शामिल हैं।

138 करोड़ का प्रस्ताव

गंगा व पांडु नदी में गिर रहे नौ नालों से रोज 10 करोड़ लीटर दूषित पानी जाता है। वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी क्षमता के अनुसार नहीं चल रहे हैं। जल निगम ने 138 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें एक सीवेरज पंङ्क्षपग स्टेशन भी बनना है। दिसंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शहर आगमन पर सभी नाले बंद कर दिए गए थे। पांच माह तक गंगा में एक बूंद दूषित पानी नहीं गिरा लेकिन उसके बाद स्थिति पहले जैसी हो गई। अभी रानी घाट, गोला घाट, डबका नाला, सत्तीचौरा व रामेश्वर घाट नाला से गंगा में और हलुवाखेड़ा, गंदा नाला, सागरपुरी, अर्रा नाले से पांडु नदी में रोज दूषित पानी गिर रहा है।