कानपुर (ब्यूरो)। चोरी, वसूली, धमकी, महिला से छेड़छाड़ जैसे अपराधों को रोकने के लिए शहर में पुलिस है। लेकिन जब पुलिसकर्मी खुद ही इस तरह के अपराध करने लगें तो आपको कौन बचाएगा? मित्र पुलिस का दावा करने वाली कमिश्नरेट पुलिस एक बार फिर ऐसे ही अपराधों से दागदार हुई है। इस मामले में दो साल की जेल काट चुके रेल बाजार एसओ ने तो सारी हदें पार कर दीं। करवाचौथ पर पत्नी को साने का गिफ्ट देने के लिए चोरी के सोने का ही गबन कर दिया। वहीं रेलबाजार थाने के ही एक दरोगा ने वर्दी के रौब में महिला के साथ अश्लीलता की। घाटमपुर मेें कारोबारी को धमकाकर चौकी इंचार्ज और एक दरोगा ने 50 हजार की वसूली कर ली। मामले सामने आने के बाद भी अफसर अपनों को बचाने के लिए पर्दा डाले रहे। लेकिन जब मामले मीडिया के जरिए पुलिस कमिश्नर तक पहुंचे तो एसओ सहित 5 सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया।

पहला मामला :
सर्राफ और चोर का धमका कर जब्त कर लिया चोरी का सोना
बर्रा में 30 सितंबर को शालिनी दुबे के घर सोना व अन्य माल की चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने वारदात का खुलासा करते हुए चोर को गिरफ्तार कर लिया था। माल रिकवरी के लिए जब जांच शुरू हुई तो चोर ने बताया कि उसे रेल बाजार पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया था। चोरी का सारा माल लेकर छोड़ दिया। दरअसल चोरी का सोना रेल बाजार में एक सर्राफ को बेचा गया। मुखबिर से जानकारी होने पर विजय दर्शन ने सर्राफ और चोर को जेल भेजने की धमकी देकर सोना जब्त कर लिया। इसकी जानकारी डीसीपी साउथ और डीसीपी ईस्ट को हुई तो जांच शुरू की गई। चोरी गया सोना भी विजय के कमरे से मिल भी गया। डीसीपी ईस्ट ने तुरंत थानेदार के कारखास आमिल हफीज को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं मंडे को दोनों को सस्पेंड कर दिया गया।

दो साल जेल भी काट आया है थानेदार
विजय और आमिल हाफिज ने 25 जनवरी को वारंटी मिराज खान को हिरासत में लिया और थाने ले आए, बिना कार्रवाई के लेन देन कर छोड़ दिया। चर्चा होने के बाद तत्कालीन एसीपी कैंट अंजली विश्वकर्मा ने जांच की थी। चोरी का सोना व अन्य माल उड़ाने के मामले में विजय दर्शन दोषी पाए गए। हालांकि एसीपी की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं हुई। विजय फर्जी मुठभेड़ के मामले में दो साल तक जेल में भी रहा है। यह भी आरोप है कि विजय ने नोयडा में टे्रनी दारोगा होने के दौरान प्रमोशन के लालच में एक जिम ट्रेनर को गोली मार दी थी। जांच में पता चला है कि विजय दर्शन ने करवा चौथ पर अपनी पत्नी को बड़ा गोल्ड आइटम गिफ्ट करने के लिए आमिल हफीज, ट्रेनी सब इंस्पेक्टर नवीन श्रीवास्तव और हेड कांस्टेबिल सुभाष तिवारी के साथ मिलकर सोने का गबन दिया था। जानकारी मिली है कि जेवर गलवा दिए गए थे, फिलहाल पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।

दूसरा मामला : महिला के साथ दरोगा ने की गंदी बात
रेल बाजार थाने में तैनात दारोगा गजेंद्र सिंह बैड टच के मामले में संडे को लाइन हाजिर किए गए थे, लेकिन मामला अधिकारियों तक पहुंचते ही उन्हें भी मंडे को सस्पेंड कर दिया गया। पूर्व फेथफुलगंज चौकी प्रभारी गजेंद्र सिंह पर आरोप लगा है कि रेल बाजार एरिया से घर से भागी युवती को मुंबई से बरामद कर ट्रेन से वापस ला रहे थे। इस दौरान रास्ते में उन्होंने अश्लीलता की सारी हदें पार कर दीं। गजेंद्र सिंह साथ में गई महिला सिपाहियों को हटाकर खुद युवती के बगल में बैठ गए और छेड़छाड़ करने के साथ ही अश्लीलता करने लगे। कानपुर पहुंचने पर युवती ने ये बात परिजनों को बताई। परिजनों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की। प्राथमिक जांच के बाद गजेंद्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया फिर मंडे को उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया।

तीसरा मामला : 50 हजार दो वरना घर और माल दोनों सीज हो जाएंगे
घाटमपुर के बसंत विहार मोहल्ले में मंडी समिति के पास रहने वाले उदय प्रकाश साहू दीपावली पर घर में ही मोमबत्ती बनाकर बेचते हैैं। संडे को दो पुलिस कर्मी सादी वर्दी में घर आए और जांच पड़ताल करने लगे। वीडियो बनाकर फोटो भी खींचीं। इस दौरान उदय घर पर नहीं थे। पुलिस ने उन्हें फोन कर चौकी में बुलाया। चौकी पहुुंचने पर उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया। लाइसेंस न होने की बात कहकर घर सीज करने और माल जब्त करने की धमकी देते हुए 50 हजार रुपये मांगे। उदय ने किसी तरह से 30 हजार रुपये का प्रबंध कर लिया। इसके बाद 20 हजार रुपये एक खाते में डलवाए। रुपये लेने के बाद उन्हें छोड़ा गया। उदय के मुताबिक, एक सीजन में एक लाख रुपये इनवेस्ट करते हैैं तो 20 हजार का प्रॉफिट होता है। उदय ने आदर्श व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष से शिकायत की। घाटमपुर एसीपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई। एसीपी जांच कर रहे थे, इसी बीच मंडे को चौकी इंचार्ज घाटमपुर आशीष कुमार चौधरी और सब इंस्पेक्टर अनुज नागर को निलंबित कर दिया गया।

पूरे दिन मामले पर पर्दा डालते रहे जोन के अधिकारी
रेल बाजार एसओ के कारनामे की चर्चा सैटरडे को ही पूर महकमे में तेज हो गई थी, इसके बाद भी जोन के पुलिस अधिकारी न सिर्फ इस बात पर पर्दा डाले रहे बल्कि कार्रवाई से भी बचते रहे। मीडिया ने जब नइ पर अधिकारियों की प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया तो उन्होंने बात करनी बंद कर दी। यहां तक कि प्रतिदिन होने वाली पुलिस ब्रीफिंग में भी नहीं शामिल हुए। इसके बाद देर शाम तक मीडिया कर्मियों के न तो फोन उठाए और न ही सोशल मीडिया पर कोई अपना वर्जन जारी किया। संडे को जब सभी मामले मीडिया की सुर्खियां बने तो सीपी और एडीश्निल सीपी खुद एक्शन में आए और आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।

तत्कालीन रेल बाजार एसओ विजय दर्शन शर्मा, कारखास आमिल हफीज और अंडर ट्रेनिंग सब इंस्पेक्टर नवीन श्रीवास्तव व हेड कांस्टेबिल सुभाष तिवारी को सोना हड़पने के मामले में, चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को बैड टच के मामले में और मोमबत्ती कारोबारी से वसूली के मामले में चौकी इंचार्ज कस्बा घाटमपुर आशीष कुमार चौधरी और सब इंस्पेक्टर अनुज नागर को निलंबित किा गया है।
हरीश चंदर, एडिशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर