- परमीशन देकर सो जाता है नगर निगम
-नामी टेलीकॉम कंपनी ने ब्रॉडबैंड लाइन डालने के लिए सिटी में लगाए हजारों पोल, नगर निगम को जानकारी तक नहीं
- खुदाई में कई जगह पाइप लाइनें तोड़ीं, लाखों लोग पानी के लिए तरसने के साथ भयंकर जाम से भी जूझते रहे
-निगम ने कंपनी से मांगी रिपोर्ट, गली पिट और सड़कों के रीस्टोरेशन को लेकर भी कंपनी ने नहीं दी कोई इंफॉर्मेशन
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KANPUR : टेलीकॉम कंपनियों को खुदाई की परमीशन देकर नगर निगम सो जाता है। फिर कंपनियां कुछ भी करें। वाटर लाइन तोड़ें या बिजली की केबल? लोगों को पानी मिले या नहीं? रोड कटिंग के बाद रीस्टोर हुई या नहीं? नगर निगम अफसरों को कोई मतलब नहीं रहतायहां तक एक टेलिकॉम कंपनी ने शहर में 5 हजार से ज्यादा पोल लगा डाले और नगर निगम को कोई जानकारी तक नहीं है। नगर निगम ने उल्टा कंपनी को लेटर लिखकर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। कई बार लेटर भेजे जाने के बाद भी कोई जवाब कंपनी ने नहीं दिया है। जबकि नगर निगम ने ही खुद कंपनी को परमीशन दी थी। एक साल बार निगम को इसकी याद आई है।
एक करोड़ का लॉस
कंपनी ने ब्रॉडबैंड लाइन डालने के लिए पूरे सिटी में 4,794 पोल लगाए जा चुके हैं और सभी एरिया में लाइन डाली जा चुकी हैं। कंपनी को रोड कटिंग की परमीशन इस शर्त पर दी गई कि खुदाई वाली जगह का वह खुद ही रीस्टोर करेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वहीं सूत्रों के मुताबिक कई जगह नगर निगम खुद ही टूटी सड़कों और गली पिट का निर्माण करा चुका है। क्योंकि जोन के अधिशाषी अभियंताओं को भी इसकी जानकारी नहीं थी। वहीं कई काम पार्षद के इशारे पर ही कर दिए गए। इससे लगभग 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का झटका नगर निगम को अभी तक लग चुका है।
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कानपुराइट्स ने झेली मुसीबत
टेलीकॉम कंपनी की खुदाई में सबसे ज्यादा पाइप लाइनें टूटी। इससे लाखों कानपुराइट्स को वाटर सप्लाई के साथ जाम भी झेलना पड़ा। हाल ही में दादा नगर क्रॉसिंग के पास भी टेलीकॉम कंपनी की खुदाई में लाइन टूट गई थी। इससे लाखों को 2 दिन तक वाटर सप्लाई नहीं हुई थी।
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कंपनी नहीं दे रही रिपोर्ट
टेलीकॉम कंपनी की कामों को देखने के लिए जोन-6 के अधिशाषी अभियंता आरके सिंह को नोडल अफसर बनाया गया था। इनके मुताबिक 2 बार कंपनी से पूरी रिपोर्ट मांगी जा चुकी है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। कंपनी को पोल लगाने की परमीशन 50 लाख रुपए पर ईयर के हिसाब से रेंट पर दी गई है। खुदाई के बाद रीस्टोर करने वाली जगह की रिपोर्ट कंपनी नहीं देगी तो उसकी जमा लगभग 2 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी को जब्त किया जाएगा।
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गली पिट बनी मालूम नहीं
सिटी में 13.78 किमी। दायरे में 2 बाई 2 मीटर आकार के 150 पिट्स का कंस्ट्रक्शन करना था। इस काम को 3 फेज में पूरा किया जाना था। फर्स्ट फेज में 6,990 मीटर, सेकेंड में 4,690 मीटर और थर्ड फेज में 2100 मीटर तक कंस्ट्रक्शन करना था। लेकिन इसकी भी कोई रिपोर्ट नगर निगम के पास नहीं है।
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इन प्रमुख एरिया में कंपनी लगा चुकी पोल
एरिया पोल की संख्या
हितकारी नगर 135
अशोक नगर 193
आरके नगर, नेहरू नगर, 80 फीट रोड 127
शारदा नगर, गीता नगर 38
पांडु नगर, शास्त्री नगर 110
बालाजी इंक्लेव, काकादेव 170
स्वरूप नगर, आर्य नगर, तिलक नगर 120
नवीन नगर 145
केशव नगर, किदवई नगर 236
साकेत नगर 151
लखनपुर, विकास नगर 212
हैलट हॉस्पिटल 146
माल रोड, दि चाट चौराहा 196
गोविंद नगर, रेलवे कॉलोनी 233
सिविल लाइंस 248
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इन प्वॉइंट्स पर मांगी रिपोर्ट
-रोड कटिंग की परमीशन वाले एरिया की स्थलीय रिपोर्ट।
-काम करने के बाद रिस्टोर की गई जगह की स्टेटस रिपोर्ट।
-संबंधित जोनल अधिकारी से वैरिफाई की गई वर्क रिपोर्ट।
-लगाए गए पोल में डाली गई टोटल फाइबर केबिल की लंबाई।
-किस एरिया में कितने पोल लगाए और कितना काम बाकी।
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कंपनी को पोल लगाने की परमीशन दी थी, लेकिन सिटी में उन्होंने कितने पोल लगाए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। इसके लिए कंपनी से रिपोर्ट मांगी गई है। न देने पर बैंक गारंटी जब्त की जाएगी।
-आरके सिंह, नोडल अधिकारी व अधिशाषी अभियंता, नगर निगम।