कानपुर (ब्यूरो)। थोड़ी सही बारिश में ही शहर में जगह जगह जलभराव और नाले उफनाने का जो राज बड़े बड़े अधिकारी नहीं समझ पा रहे थे, उसे अवनीश दीक्षित ने पुलिस कस्टडी रिमांड में समझा दिया। कस्टडी रिमांड के नवें दिन पूछताछ के दौरान पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष ने शहर के नाले साफ न होने का राज बताते हुए कहा &235 रुपये में कोई नाले में नहीं उतरता है, 5 लोगों को नाले में सफाई के लिए उतारकर 200 लोगों का पैसा लिया जाता था। इसी वजह से कानपुर के नाले 20 सालों में भी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाए हैं.&य बता दें कि जिस कंपनी को नाला सफाई का टेंडर मिला था, उसमें अवनीश की पत्नी डायरेक्टर थी। अवनीश ने ही अपने रसूख से कंपनी को टेंडर दिलाया था।
अवनीश से जब नाला सफाई कंपनी के कर्मचारियों की लिस्ट और रुपये के लेन देन का हिसाब मांगा गया तो उसने कहा वह अपने रसूख से काम लाकर श्री बालाजी मल्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को देता था। इस कंपनी में उसकी पत्नी प्रतिमा दीक्षित, एडवोकेट सुनील शुक्ला और उनकी पत्नी सहित तीन डायरेक्टर हैं। यही लोग सारा काम देखते थे। कंपनी से ही नगर निगम और बिजली विभाग में मैन पॉवर उपलब्ध कराया जाता था। दरअसल, नगर निगम में कर्मचारियों का लगभग 90 लाख रुपये का फंड घोटाले की जांच एडीसीपी सेंट्रल की टीम कर रही है।
दो-दो फॉच्र्यूनर का भी खोला राज
नई फॉच्र्यूनर के संबंध में अवनीश ने बताया कि उसने दोस्तों से रुपये लेकर खरीदी थी। बताया कि बागेश्वर धाम बाबा धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम कानपुर में होना था। जिसमें तमाम मदों में ठेका देने के नाम पर कई बड़े कारोबारियों से रुपये लिए गए थे। इस मामले मे सुनील शुक्ला पार्टनर थे। प्रशासन ने बागेश्वर धाम का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया था। जो भी रकम आई थी उससे दो फार्चयूनर खरीदी गई थीं। अवनीश के रसूख की वजह से किसी कारोबारी ने रुपये वापस नहीं मांगे थे। कुछ और लेन देन का हिसाब जब पुलिस ने मांगा तो अवनीश ने कहा कि कोई भी उसे चेक या ड्राफ्ट या फिर ऑनलाइन रुपये नहीं देता था बल्कि उसे रुपये नगद मिलते थे। बताते चलें कि गुरुवार को पुलिस के साथ उसके घर गए वैल्युएटर ने अवनीश के मकान की कीमत साढ़े सात करोड़ रुपये आंकी है।
कमलेश फाइटर के घर पुलिस ने की छापेमारी
कल्याणपुर निवासी कमलेश फाइटर के खिलाफ कर्नलगंज और कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को सादी वर्दी में छापेमारी की तो घर से एक मुस्लिम हिस्ट्रीशीटर का भाई मिला। पुलिस फिलहाल पकड़े गए शातिर से पूछताछ कर रही है। कमलेश का एक खास गुर्गा भी वसूली में शामिल है, उसके खिलाफ भी तहरीर दी गई है। जल्द ही इस तहरीर पर भी पुलिस काम करने जा रही है।
आज खत्म होगा रिमांड का समय
अवनीश को 14 अगस्त को सुबह 10 बजे रिमांड पर जेल से लाया गया था। आज रिमांड की तारीख पूरी हो जाएगी। पुलिस आज सुबह 10 बजे अवनीश का मेडिकल कराने के बाद उसे जेल में दाखिल करेगी। दस दिन के रिमांड के बाद भी पुलिस अवनीश का वह मोबाइल नहीं बरामद कर पाई जिससे कई मामलों से जुड़े इम्पार्टेंट इविडेंस निकल सकते थे। गुरुवार को घर से मिले लैपटॉप और दूसरे तीन मोबाइल की डिटेल टेक्निकल टीम खंगाल रही है। अवनीश को शुक्रवार को पुलिस की टीमें कई अलग-अलग ठिकानों पर ले जाकर साक्ष्य बरामद करने की कोशिश में लगी रहीं। वहीं, अवनीश की जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई को 28 अगस्त की अगली तारीख दी है। कब्जाकांड में मुख्य आरोपी अवनीश दीक्षित के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने भी जमानत को लेकर याचिका दाखिल की है। जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
अधिवक्ता जितेंद्र की गिरफ्तारी पर रोक
उधर, सिविल लाइंस में 1700 करोड़ की जमीन कब्जाकांड में अवनीश के साथी आरोपी अधिवक्ता जितेंद्र शुक्ला को शुक्रवार को कोर्ट से राहत मिल गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक जितेंद्र की अरेस्टिंग पर रोक लगा दी है। कोर्ट के आदेश पर भी विवेचक केस डायरी समेत अन्य दस्तावेज कोर्ट में उपलब्ध नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से कोर्ट ने आरोपी को राहत दी है। अधिवक्ता की पैरवी में बार और लॉयर्स एसोसिएशन से पदाधिकारी अभिषेक तिवारी, आदित्य सिंह, योगेन्द्र अवस्थी लल्लन समेत कई पदाधिकारी पहुंचे थे। अब अगली सुनवाई पर अग्रिम जमानत पर फैसला होगा। बताते चलें कि गुरुवार को पुलिस की टीम ने जितेेंद्र के घर छापेमारी की थी।