कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Crime News: कानपुराइट्स के लिए नई हाउसिंग स्कीम्स लाने को केडीए को जमीन नहीं मिल पा रही है। जिससे हजारों लोग खुद का आशियाना बनाने का सपन पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ केडीए के लैंड ऑडिट में फाइलों में गुम हो चुके दर्जनों की संख्या प्लॉट मिल रहे हैं। इस ऑडिट में अब तक पुरानी आधा दर्जन हाउसिंग स्कीम में 114 खाली प्लॉट मिल चुके हैं। अभी ऑडिट जारी है। इनमें से कई प्लॉट 300 स्क्वॉयर मीटर से भी अधिक के हैं। खाली पाए गए इन प्लॉट्स की कीमत एक अरब रुपए से अधिक बताई जा रही है। इन प्लाट्स को ई-ऑक्शन के जरिए केडीए कानपुराइट्स को उपलब्ध कराएगा।
करना पड़ेगा इंतजार
कल्याणपुर-सिंहपुर और मैनावती मार्ग के एक साइड केडीए, न्यू कानपुर सिटी डेवलप करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि केडीए अब तक न्यू कानपुर सिटी में आ रही आधी प्राइवेट जमीन की भी अपने पक्ष में रजिस्ट्री नहीं करा सका है। कुल मिलाकर न्यू कानपुर सिटी को लांच होने में लंबा इंतजार करना पड़ेगा। वहीं दूसरी कोई नई स्कीम फिलहाल केडीए के पास नहीं है।
पुरानी स्कीम में
इस बीच केडीए पुरानी हाउसिंग स्कीम्स में खाली पड़े प्लाट्स ही एलॉट कर रहा है। 15 अगस्त को ऐसे ही 590 प्लॉट केडीए ने लांच किए थे। इनमें रेजीडेंशियल के साथ कॉमर्शियल प्लॉट भी शामिल थे। ये स्वर्ण जयन्ती विहार, दबौली, महावीर नगर एक्सटेंशन, मंदाकिनी इंक्लेव, हाईवे सिटी एक्सटेंशन आदि के हैं। इनका ई ऑक्शन शुरू हो चुका है।
बड़े प्लॉट भी शामिल
शासन के निर्देश पर केडीए अपनी हाउसिंग स्कीम और जमीनों का लैंड ऑडिट करा रहा है। सुजातगंज में ही लैंड ऑडिट के दौरान केडीए को खासी सफलता मिली थी। इसके बाद किदवई नगर के विभिन्न ब्लाकों के ऑडिट में एक दर्जन से अधिक खाली प्लॉट मिले। खास बात यह है कि इनमें से कई प्लॉट 300 से 500 स्क्वॉयर मीटर तक के एरिया के है। पहले ई ऑक्शन में ही इस स्कीम के प्लॉट्स की बोली बेस प्राइस से कई गुना तक गई है। इसी तरह डब्ल्यू-2 जूही, काकादेव आदि में खाली प्लॉट मिले हैं।
पकड़ा जा चुका है फर्जीवाड़ा
इम्प्लाइज के मुताबिक केडीए की पनकी, सुजातगंज, किदवई नगर, जूही-2, बर्रा, श्याम नगर आदि फर्जीवाड़ा के जरिए प्लॉट्स की रजिस्ट्री के कई मामले पकड़े जा चुके हैं। इनमें कई मामलों में एफआईआर तक हो चुकी है। इम्प्लाइज के मुताबिक इसके पीछे केडीए के बाबुओं का खेल होता है। वह खाली पड़े प्लॉट्स की फाइल दबाए रहते हैं। एलॉटमेंट के लिए नहीं निकलते हैं। फिर मिलीभगत फर्जीवाड़ा कर एलॉटमेंट, रजिस्ट्री, फ्रीहोल्ड का खेल करते हैं। ऐसे कई मामले पकड़े जा चुके हैं।
एक्स्ट्रा जमीन की हो रही जांच
केडीए के सेक्रेटरी अभय कुमार पांडेय ने बताया कि विभिन्न हाउसिंग के लैंड ऑडिट में 114 प्लॉट मिल चुके हैं। ऑडिट कम्पनी ने कई अन्य स्कीम के खाली प्लॉट्स और एक्स्ट्रा जमीन की भी डिटेल दी है। जिनकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद सभी प्लॉट्स को ई ऑक्शन के जरिए को पब्लिक को उपलब्ध कराया जाएगा।