कानपुर (ब्यूरो)। देश के रेप्यूटेड और सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थान हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में काउंसिलिंग के बाद दो स्पॉट काउंसिलिंग होने के बावजूद बड़ी संख्या में सीटें खाली हैं। क्योंकि 368 कैंडीडेट्स ने बीटेक में एडमिशन लेने के बाद एडमिशन वापस ले लिया है। एडमिशन वापस लेने वालों को एचबीटीयू की ओर से काउंसिलिंग फीस रिटर्न की जाएगी। इसके लिए एचबीटीयू ने वेबसाइट पर जेईई मेन एप्लीकेशन नंबर, नाम, अकाउंट होल्डर नेम, अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड और बैैंक के नाम से साथ एक लिस्ट अपलोड की है। इस लिस्ट में बीटेक में एडमिशन लेकर वापस लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 368 है। वहीं खाली सीटों पर एडमिशन के लिए एक और स्पॉट काउंसिलिंग की तैयारी हो रही है।

इसलिए वापस हुए एडमिशन
एचबीटीयू में एडमिशन लेकर वापस लेने के पीछे कई कारण हैं। कुछ स्टूडेंट्स ऐसे थे जो कि एडमिशन लॉक करने के बाद मनपसंद ब्रांच की तलाश में दूसरे इंस्टीट्यूट में भी काउंसिलिंग में शामिल हुए और उनको वहां मनपसंद ब्रांच मिल गई। इसके अलावा इस बार एकेटीयू से पहले एचबीटीयू की काउंसिलिंग शुरू हो गई थी। ऐसे में एकेटीयू में बेहतर कालेज और ब्रांच मिलने की वजह से कुछ स्टूडेंट्स ने एडमिशन को विड्राल किया है। वहीं कुछ ऐसे भी हैैं, जिन्होंने एक साल और तैयारी करके आईआईटी में एडमिशन को टारगेट बनाकर एडमिशन को वापस लिया है।

तीसरी बार होगी स्पॉट काउंसिलिंग
एचबीटीयू में बची सीटों को भरने के लिए तीसरी बार 13 सितंबर को स्पॉट काउंसिलिंग का आयोजन किया जाएगा। इस काउंसिलिंग में बीटेक, बीटेक बायोटेक, बीफार्मा, एमसीए और एमबीए की बची सीटों क लिए काउंसिलिंग होगी। इससे पहले 13 अगस्त को पहली बार को स्पॉट काउंसिलिंग को आयोजित किया गया था। इसके बाद तीन और चार सितंबर को दूसरी बार स्पॉट काउंसिलिंग हुई थी।

64 स्टूडेंट्स ने बदली ब्रांच
सेशन 2024-25 में बीटेक दूसरे साल में जाने वाले 64 स्टूडेंट्स ने ब्रांच में परिवर्तन किया है। डीन एकेमिक्स प्रो। ललित कुमार सिंह की ओर जारी लेटर में स्टूडेंट्स की ब्रांच परिवर्तन की लिस्ट को अपलोड किया गया है। यह वह स्टूडेंट्स हैैं, जिन्होंने दूसरी ब्रांच पाने के लिए आवेदन किया था। ऐसे में वह ब्रांच, जिनमें दूसरे साल में सीटेें खाली थी उनमें एडमिशन दिया गया है। बताते चलें कि चार के बीटेक में पहले साल का सिलेबस लगभग सभी ब्रांचों में कॉमन होता है। ब्रांच वाइस स्टडी दूसरे साल से ही शुरू होती है।