कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Crime News: सिविल लाइंस स्थित नजूल की एक हजार करोड़ की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास में जेल भेजे गए पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित समेत 13 आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में दो चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस ने सभी को डकैती समेत अन्य धाराओं में मुल्जिम बनाया है। साथ ही संगठित अपराध के लिए गिरोह बनाने की धारा बीएनएस 111 में भी चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस ने मामले में हरेन्द्र मसीह को पर्दे के पीछे का मास्टरमाइंड और अवनीश दीक्षित को मुख्य आरोपित बनाया है। इस मामले में अब सिर्फ मोहित बाजपेई के खिलाफ चार्जशीट लगना बाकी है। जल्द ही पुलिस उसमें भी पूरक चार्जशीट दाखिल करेगी। कोतवाली इंस्पेक्टर कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला के मुताबिक 3200 पन्नों की चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
दो एफआईआर, दो चार्जशीट
जमीन कब्जाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें एक में वादी लेकपाल विपिन कुमार थे और दूसरे में जमीन पर काबिज सैमुएल गुरुदेव सिंह वादी थे। एफआईआऱ दर्ज करने के बाद 29 जुलाई 2024 को कोतवाली पुलिस ने पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में घटना में शामिल अन्य लोगों को जेल भेजा गया। झांसी निवासी हरेन्द्र मसीह को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है मगर उसके खिलाफ धारा 82 (फरारी) और धारा 83 (कुर्की) की कार्रवाई की जा चुकी है। फरार घोषित होने के कारण पुलिस को कानून में चार्जशीट लगाने का प्रावधान मिला है जिसके कारण उसका नाम भी शामिल किया गया है। दोनों मामलों में पुलिस द्वारा दो चार्जशीट फ्राइडे को कोर्ट में दाखिल कर दी गई है।
ये हैं केस के आरोपी
हरेन्द्र मसीह, पूर्व प्रेसक्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित, राहुल वर्मा, मौरिस एरियल, कमला एरियल, अभिषेक एरियल, अर्पण एरियल, जीतेश झा, संदीप, विक्की चार्ल्स, अब्बास, जितेन्द्र और विवेक पाण्डेय के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला ने बताया कि दस्तावेजी सबूतों में जमीन की लिखापढ़ी, लीज के कागजात, अवनीश दीक्षित की पावर ऑफ एटर्नी, बैंक में लेन देन के सबूत, जमीन कब्जाने के लिए बनाई गई श्री आनंदेश्वर एसोसिएट्स कम्पनी के दस्तावेज, बैंकों में लेन देन की रिपोर्ट को अहम सबूत बनाया गया है।
डैकैती भी धाराएं लगाईं
इसी तरह डकैती को साबित करने के लिए वीडियो फुटेज, वहां पर मौजूद लोगों के बयान और आरोपी संदीप शुक्ला के बयान को आधार बनाया है। जिसमें उसने बताया है कि अवनीश दीक्षित के कहने पर ही उसने घटना वाले दिन सीसीटीवी फुटेज वाली डीवीआर गंगा में फेंक दी थी। इसी तरह वैज्ञानिक सबूतों को मजबूत करने के लिए आरोपियों की सीडीआर रिपोर्ट दाखिल की गई है। जिसमें आरोपियों की आपस में फोन पर बातचीत होने की बात को प्रूव किया गया है।