कानपुर (ब्यूरो)। Kanpur Ekta Murder Case: चार महीने बाद ही सही, डीएम कंपाउंड के बगल में ऑफिसर्स क्लब में दफन कर दी गई एकता की डेडबॉडी मिल गई। पूरे देश की मीडिया में ये मामला सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन ऐसी ही 31 महिलाएं आज भी लापता हैं जिनका कोई सुराग पुलिस के पास नहीं हैं। वो कहां हैं, किस हाल में हैं, जिंदा हैं भी या नहीं, कहीं एकता की तरह किसी हैवान का शिकार तो नहीं हो गईं? इनके घरवाले आज भी इनके लौटने की राह देख रहे हैं। एकता मर्डर केस के बाद पुलिस को महीनों से गुम 22 महिलाओं व 9 किशोरियों की याद आ गई है। शासन के आदेश पर तलाश शुरू कर दी है।
हर चीज की जानकारी कलेक्ट कर रही है
पुलिस लापता हुई महिलाओं के परिवार से मिलकर बारीकी से हर चीज की जानकारी कलेक्ट कर रही है। संबंधित नंबरों की जानकारी भी कर रही है। साथ ही ये भी निर्देश जारी किए गए हैैं कि महिलाओं की बरामदगी के लिए एक लेडी इंस्पेक्टर को लगाया जाएगा। हर जोन पर एक स्पेशल टीम बनाई गई है। जिसमें एक महिला अधिकारी, एक महिला इंस्पेक्टर, दो महिला दारोगा शामिल की गई हैैं। 14 पुलिसकर्मियों की इस टीम में सर्विलांस और इस तरह के मामलों के जानकारों को शामिल किया गया है।
एकता की मौत और फेथफुलगंज के मामले के बाद शुरू हुई कवायद
एकता की गुमशुदगी का मामला जून 24 जून 2024 को दर्ज किया गया था। इसमें पुलिस की लापरवाही इसलिए नहीं कही जा सकती कि सूचना मिलने के बाद से ही गुमशुदगी दर्ज कर आगे के प्रयास शुरू कर दिए गए थे। ये कोई पहला मामला नहीं था, जिसमें किसी परिवार की महिला गुम हुई हो, ऐसे कई मामले पहले से ही पेंडिंग में पड़े थे। फेथफुलगंज के एक चर्चित मामले में चौकी इंचार्ज गजेंद्र का निलंबन हुआ वह भी तीन महीने पहले गुम हुई युवती को बरामद करके मुंबई से ला रहा था। शहर में सबसे ज्यादा साउथ जोन से महिलाओं और किशोरियों के गुम होने के मामले सामने आए हैैं। हालांकि पुलिस ने 27 महिलाओं और किशोरियों को बीते 10 महीने में बरामद कर परिवार वालों को सौंपा है।
आस पास के जिलों की डीसीआरबी से
पुलिस अधिकारियों की माने तो जिस घर से महिलाएं या किशोरियां गुम हैैं। उनकी हिस्ट्री तलाश करने के बाद जो भी नंबर सामने आ रहे हैैं। उन्हें सर्विलांस पर लेकर चेक किया जा रहा है। जिन जिलों में मिलने की उम्मीद है, वहां की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कुछ मामले ऐसे सामने आए हैैं, जिनमें परिवार वालों को गुम हुई महिलाओं की जानकारी है। वहीं अधिकारियों ने बताया कि पहले परिवार वाले अपने स्तर पर तलाश करते रहते हैैं, तब तक टारगेट जिला छोड़ देता है, उसके बाद तलाशने में कड़ी कवायद करनी पड़ती है, लिहाजा गुम होने के तुरंत बाद पहले जानकारी दें, उसके बाद तलाश करते रहें।