- उर्सला की तरह मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट में भी पीपीपी मोड पर डायलिसिस यूनिट खोलने का प्रपोजल
- किडनी पेशेंट्स को मिलेगी बड़ी राहत, एचआईवी और हेपेटाइटिस के पेशेंट्स के लिए होगी अलग डायलिसिस मशीनें
KANPUR: सिटी और दूसरे डिस्ट्रिक्ट से आने वाले सैकड़ों किडनी पेशेंट्स को जल्द मेडिकल कालेज में फ्री डायलिसिस की फैसिलिटी मिलेगी। इसके लिए मेडिकल कालेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट में पीपीपी मोड पर डायलिसिस यूनिट शुरू की जाएगी। मेडिकल कालेज एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इस बाबत उर्सला की नई डायलिसिस यूनिट की तरह ही प्रपोजल शासन को भेजा जा रहा है। पीपीपी मोड पर यूनिट चलने की वजह से शासन पर भी इसका ज्यादा फाइनेंशियल लोड नहीं पड़ेगा। साथ ही मेडिकल कालेज में भी 24 घंटे डायलिसिस की फैसेलिटी ि1मल सकेगी।
3 की जगह 30 बेड की यूनिट
मेडिकल कालेज के इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिन में बनी डायलिसिस यूनिट में अभी तीन पेशेंट्स की ही डायलिसिस की सुविधा है। वह भी डे केयर के हिसाब से। यूनिट की मशीनें पुरानी होने और पुरानी बिल्डिंग की वजह से कई बार डायलिसिस बंद भी करनी पड़ती है। स्टॉफ की कमी से आईसीयू में बेड साइड डायलिसिस की सुविधा भी नहीं शुरू हो सकी है। ऐसे में अब पीपीपी मोड पर कम से कम 30 बेड की डायलिसिस यूनिट शुरू करने का प्रपोजल तैयार किया जा रहा है।
उर्सला की ही तरह चलेगी
उर्सला हास्पिटल में 10 बेड की नई डायलिसिस यूनिट शुरू हुई है। इस यूनिट को बनारस का हेरीटेज हास्पिटल चला रहा है। जिसमें किडनी पेशेंट्स को सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक फ्री डायलिसिस की फैसेलिटी मिलती है। हास्पिटल को भुगतान शासन से मिलता है। वहीं हैलट में शुरू होने वाली 30 बेड की डायलिसिस यूनिट में पीपीपी की शर्तो में टीचिंग को भी जोड़ा जाएगा। मामला मेडिकल एजुकेशन का होने से इसमें प्रति डायलिसिस चार्ज फिक्स किया जाएगा या नहीं यह अभी तय नहीं है। इसे एलएलआर में लगे प्राइवेट सीटी व एमआरआई सेंटर जैसी शर्तो पर भी चलाया जा सकता है।
किडनी पेशेंट्स को िमलेगी राहत
एलएलआर हास्पिटल में हर हफ्ते दो दिन नेफ्रोलॉजी ओपीडी होती है.इसके अलावा किडनी के सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर्स भी यहां हैं। टर्सरी केयर सेंटर होने से यहां किडनी के काफी क्रिटिकल पेशेंट्स भी आते हैं। ऐसे में यहां 24 घंटे डायलिसिस की सुविधा को लेकर काफी टाइम से प्रयास किए जा रहे हैं। पीपीपी मोड पर खुलने वाली डायलिसिस यूनिट से किडनी पेशेंट्स को बड़ी राहत मिलेगी।
'' अभी डायलिसिस मशीनें बेहद कम है। जबकि टर्सरी केयर इंस्टीटयूशन होने की वजह से यहां काफी किडनी पेशेंट्स आते हैं। ऐसे में यहां बड़ी और 24 घंटे चलने वाली डायलिसिस यूनिट खोलने का प्रपोजल शासन को भेजा जा रहा है।
- डॉ। आरती लालचंदानी,प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज