- पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट ने खोली गंगा सफाई के दावों की पोल, एनजीटी की टीम ने भी लगाई मुहर
-कुंभ के बाद शुरू किया 'खेल', बंद हैं सभी पंपिंग स्टेशन, सीसामऊ नाला फिर सीधे गंगा में , एसटीपी भी दे रहे धोखा
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KANPUR : पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा सफाई को लेकर प्रशासन से शासन तक बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट ने इन दावों की हवा निकाल दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा में रोजाना करीब 2500 करोड़ लीटर जहरीला पानी गिरना शुरू हो गया है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने पड़ताल की कि आखिर अचानक गंगा में इतना जहर क्यों गिरने लगा? इस दौरान मालूम चला कि कुंभ के दौरान टैप किए नाले फिर से खोल दिए गए हैं और एसटीपी भी धीरे-धीरे दगा दे रहे हैं। एनजीटी की टीम हालात देखने कानपुर पहुंची तो इस बात पर मुहर भी लग गई कि गंगा सफाई के नाम पर काम कम और आंकड़ेबाजी ज्यादा हो रही है।
टैप नाले खुले, एसटीपी बंद
बारिश के चलते जल निगम ने टैप नालों को पूरी तरह से गंगा में गिरने के लिए आजाद छोड़ दिया है। सीसामऊ नाला, भैरवघाट, नवाबगंज, गुप्तारघाट, परमट नाले पूरी तरह से गंगा में गिर रहे हैं। नाला सफाई के नाम पर सभी पंपिंग स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। इसके चलते 1500 करोड़ लीटर सीवेज गंगा में और 1,000 करोड़ सीवेज पांडु नदी नालों के जरिए गिर रहा है। कुल 2500 करोड़ लीटर जहर गंगा में सीधे गिर रहा है। वहीं सीसामऊ नाले से 60 एमएलडी सीवेज सीधे गंगा में ही जा रहा है। जाजमऊ का 43 एमएलडी प्लांट बंद है। बिनगवां प्लांट में सीसामऊ नाले का 80 एमएलडी सीवेज प्लांट में जाता मिला।
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