कानपुर (ब्यूरो)। नगर निगम जाल बिछाए बैठा है और बंदर मूंगफली देखकर भाग रहे हैं। वैसे तो बंदरों को मूंगफली बहुत पसंद होती है, लेकिन अब उन्होंने मूंगफली ही खाना छोड़ दिया है। दरअसल, बीते दिनों सेंट्रल स्टेशन पर नगर निगम ने दो दिन अभियान चलाकर एक दर्जन से अधिक बंदरों को मंूगफली खिलाकर अपने जाल में फंसाया। उनको पकडक़र जंगल में छोड़ दिया जिसके बाद सभी बंदर अलर्ट हैं। प्लेटफार्म पर मूंगफली पड़ी देखते ही बंदर 100 मीटर दूर भाग जाते हैं। ऐसे में नगर निगम टीम का प्लान अब फेल हो गया है। वह बैक फुट में आ गया है और सेंट्रल स्टेशन पर बंदरों का आतंक पहले जैसा ही बना हुआ है।

खाने-पीने की सामग्री छीन लेते

सेंट्रल स्टेशन पर बंदरों का आतंक सालों से है। कभी नगर निगम की टीम संग अभियान चलाकर बंदरों को पकड़ कर जंगलों में छोड़ा जाता है। तो कभी लंगूर बंदरों की स्टैंडी बनाकर स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्म पर लगाया जाता है। जिससे बंदर परिसर छोड़ कर भाग जाए। रेलवे के दोनों प्रयास की असफल निकले। समस्या आज भी तस की तस बनी हुई है। स्टेशन परिसर में बंदरों के पैसेंजर्स के खाने पीने की समाग्री छीनने की घटना अब आम बात हो चुकी है।

आए दिन पैसेंजर्स को काट लेते

सेंट्रल स्टेशन पर प्लेटफार्म एक से लेकर 10 तक बंदरों का आतंक फैला हुआ है। पैसेंजर्स के खाने पीने की सामग्री में वह अचानक अटैक करते है। जिसका विरोध करने पर वह पैसेंजर्स को काट भी लेते हैं। यह घटना सप्ताह में दो से तीन हो जाती है। बीते दिनों की 13 साल की बच्ची अंजली को बंदर ने काट लिया था। जोकि केले की पॉलीथिन लिए थी। वहीं कानपुर देहात की रामकली को दो सप्ताह पूर्व बंदर ने काट लिया था। वह प्लेटफार्म पर खाना खा रही थी। इसी दौरान बंदर ने अटैक कर दिया। ऐसी घटनाएं आए दिन होती रहती है। जिसमें कुछ पैसेंजर्स को डिप्टी एसएस कार्यालय में ट्रीटमेंट लेते हैं तो कुछ बिना शिकायत किए ही चले जाते हैं।

शहर में कई जगहों पर बंदरों का आतंक

शहर के कई मोहल्लों में बंदरों का आतंक है। रावतपुर गांव, पनकी, नौबस्ता, किदवई नगर, काकादेव आदि मोहल्लों में बंदरों का जबरदस्त आतंक हैं। बंदर कई लोगों पर हमला कर चुके हैं। कई लोगों की जान तक जा चुकी है। वहीं, बंदरों से काफी नुकसान भी हुआ है। कभी ये बिजली के तार काट देते हैं। तो कभी छतों में रखा खाने पीने का सामान फेंक देते है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।