- सुबह 6 बजे से 10 बजे तक पॉल्यूशन का स्तर मानक से 9 गुना ज्यादा, पीएम 2.5 का लेवल 500 के ऊपर पहुंचा
-लगातार दूसरे दिन देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, मॉर्निग वॉक करना हो सकता है सेहत के लिए नुकसानदेह
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KANPUR : सिटी की आबोहवा इतनी जहरीली हो गई है कि अब मार्निग वॉक करना सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। फ्राईडे की सुबह सिटी में खतरनाक पीएम 2.5 का स्तर मानक से 9 गुना तक ज्यादा हो गया। सिर्फ नेहरू नगर स्थित सीपीसीबी के मॉनीटरिंग स्टेशन के ही आंकड़ों पर गौर करें तो सुबह 6 बजे से 10 बजे तक पीएम 2.5 का स्तर 500 से ऊपर रहा। इस दौरान नमी भी 96 परसेंट तक रही। इसी वजह से सुबह काफी देर तक शहर धुंध की मोटी चादर भी ओढ़े रहा।
12 बजे के बाद राहत
12 बजे के बाद कानपुराइट्स को हल्की धूाप के दर्शन हुए। वहीं शाम होते होते एक बार फिर हालात खराब हो गए। शहर में 36 जगहों पर काम कर रहे एनवायरमेंटल सेंसर्स में से 9 जगहों पर पॉल्यूशन का लेवल सीवियर रहा। फ्राईडे को भी एयर क्वालिटी के लिहाज से कानपुर देश का सबसे प्रदूषित सिटी रहा। लगातार दूसरे दिन सिटी में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ कर 455 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा।
नेहरू नगर मानीटरिंग स्टेशन के सुबह के आंकड़े-
5.45 बजे-361
6.45 बजे- 530
7.45 बजे- 542
8.45 बजे- 535
9.45 बजे- 470
फ्राईडे को देश के सबसे पॉल्यूटेड सिटीज
कानपुर-455
लखनऊ-441
गाजियाबाद-440
बुलंदशहर-434
बागपत-421
ग्रेटरनोएडा-415
नोएडा-414
पटना-404
मेरठ-403
फरीदाबाद-383
नोट- यह आंकड़े पीएम 2.5 के, सीपीसीबी के मानीटरिंग स्टेशन व एक्यूआई से। पीएम2.5 का मानक स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर है।
पॉल्यूशन स्तर के हिसाब से कैटेगरी
गुड- 50 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक
सैटस्फैक्टरी- 51 से 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक
मॉडरेट- 101 से 200 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक
पुअर- 201 से 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक
वैरी पुअर- 301 से 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक
सीवियर -401 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर
पॉल्यूशन स्तर का सीवियर होने का मतलब -
- सीपीसीबी ने हवा की गुणवत्ता को लेकर 6 कैटेगरी निर्धारित की हैं।
- हवा में पीएम2.5 के स्तर के हिसाब से गुड,सैटिस्फैक्ट्री, मॉडरेट, पुअर, वैरी पुअर और सीवियर कैटेगरी है
- वैरी पुअर कैटेगरी में हवा की गुणवत्ता ऐसी होती है जिसमें ज्यादा वक्त तक रहने से रेस्पेरेटरी इलनेस होती है
- सीवियर कैटेगरी में हवा में पॉल्यूशन का स्तर इतना बढ़ जाता है। जिससे सामान्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।