- बाउंड्रीवॉल के साथ जमीन समतलीकरण का काम भी अभी तक पड़ा है अधूरा
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KANPUR: कानपुर मेट्रो फिलहाल पटरी पर आती नजर नहीं आ रही है। एक ओर जहां कानपुर मेट्रो की डीपीआर एक बार फिर रिवाइज की गई है, वहीं दूसरी ओर पेमेंट को लेकर मची खींचतान के बाद पॉलीटेक्निक में यार्ड बनाने का कार्य एक बार फिर ठप हो गया है। यार्ड बनाने की समय सीमा पहले ही पार हो चुकी है। अब तो एक्सटेंशन टाइम भी बीत गया है, जबकि अभी तक न तो बाउंड्रीवॉल ही कम्प्लीट हो सकी है और न जमीन समतलीकरण का कार्य पूरा हो सका है।
रिवाइज डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी
कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट दूसरी बार रिवाइज की गई है। इस बार प्रोजेक्ट कॉस्ट को लेकर डीपीआर रिवाइज की गई है। डीपीआर 18143 करोड़ से घटाकर 10908 करोड़ की गई है। लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने रिवाइज डीपीआर सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दी है।
शिलान्यास के दो महीने बाद
कानपुर में मेट्रो दो रूट पर दौड़नी है। आईआईटी से फूलबाग, घंटाघर होते हुए नौबस्ता के पहले कॉरीडोर के लिए पॉलीटेक्निक में मेट्रो यार्ड बनाया जा रहा है। इसके लिए फरवरी 2016 में टेंडर हुए थे और काम 4 अक्टूबर 2016 को शुरू हुआ था। शिलान्यास व भूमि पूजन कार्यक्रम में तत्कालीन यूपी के चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव व केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू व सांसद डा। मुरली मनोहर जोशी शामिल हुए थे। पर शिलान्यास के करीब दो महीने बाद ही काम ठप हो गया था। इसके बाद करीब एक साल बाद पेमेंट न होने की कंपनी ने सामान समेट लिया था।
बढ़ाई गई समय सीमा भी खत्म
अब एक बार फिर से पेमेंट को मची खींचतान के कारण पॉलीटेक्निक में यार्ड बनाने का काम ठप है। इसके लिए दिसंबर तक की बढ़ाई गई समय सीमा भी खत्म हो चुकी है। जबकि करीब 400 से 500 मीटर लंबी बाउंड्रीवॉल बनाई जानी बाकी है। इसी तरह अभी तक जमीन समतलीकरण के लिए लगभग 26 हजार क्यूबिक मीटर ही मिट्टी डाली गई है, जबकि एक लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी की जरूरत है। यार्ड बनाने का काम देख रहे लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के असिसटेंट इंजीनियर शिवओम जौहरी ने बताया कि जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
कानपुर मेट्रो याडर्: एक नजर
स्थान- पॉलीटेक्निक
एरिया-- 40 एकड़
प्रोजेक्ट कास्ट-- 36.75 करोड़
टेंडर हुए-- फरवरी 2016
काम शुरू हुआ-- 4 अक्टूबर,2016
कम्लीशन टारगेट- 18 महीने
समय सीमा बढ़ी- दिसंबर 2018
प्रोग्रेस रिपोर्ट- न बाउंड्रीवॉल कम्प्लीट, न ही जमीन समतलीकरण हुआ