- इलेक्ट्रिक व बैटरी दोनों ही मोड पर चल सकेगा यह इंजन, जरूरत के मुताबिक ड्राइवर कर सकेगा चेंज
- फजलगंज स्थित रेलवे इलेक्ट्रिक लोको शेड की टीम ने लॉकडाउन पीरियड के दौरान बनाया शंटिंग इंजन
-खत्म होगी इलेक्ट्रिक से डीजल रूट पर जाने से पहले इंजन बदलने की समस्या, पैसेंजर्स का बचेगा समय
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KANPUR: कानपुर के फजलगंज इलेक्ट्रिक लोको शेड ने इंडियन रेलवे में नया इतिहास रच दिया है। इलेक्ट्रिक लोको शेड में रेलवे की टीम ने ड्यूल मोड शंटिंग रेल इंजन तैयार किया है। जोकि इलेक्ट्रिक व बैटरी दोनों ही मोड पर चलाया जा सकता है। फिलहाल इस इंजन को शेड में मेंटीनेंस के लिए बनाया गया है। जिससे इलेक्ट्रिक इंजन को मेंटीनेंस शेड तक लाने में कोई समस्या न हो। रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक, पायलट प्रोजक्ट के तहत ड्यूल मोड रेल इंजन तैयार किया गया है। ट्रायल सफल होने पर इन इंजन को पैसेंजर्स ट्रेनों में भी यूज किया जाएगा। जिसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन को डीजल रूट पर जाने के समय इंजन चेंज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लाखों पैसेंजर्स को मिलेगी राहत
एनसीआर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि इस नए डुअल मोड इंजन से लाखों पैसेंजर्स को राहत मिलेगी। वर्तमान में इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेन के डीजल रूट पर एंट्री करने से पहले इंजन को चेंज कर डीजल इंजन लगाया जाता है। इंजन चेंज करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। तब तक ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रहती है। जिससे पैसेंजर्स का समय बर्बाद होता है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि गोरखपुर से कासगंज की तरफ जाने वाली पैसेंजर ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन से कानपुर सेंट्रल तक आती है। यहां से फर्रुखाबाद रूट पर ट्रेन के रवाना होने से पहले ट्रेन में इलेक्ट्रिक इंजन हटाकर डीजल इंजन लगाया जाता है। क्योंकि इस लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं हुआ है।
कैसे करता है काम
रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक, डुअल मोड शंटिंग रेल इंजन अनवायर्ड सेक्शन यानी ओएचई रहित सेक्शन में आसानी से चलाया जा सकता है। इंजन के मॉडीफाइड सर्किट को विद्युत लोको शेड कानपुर ने डिजाइन किया है। इस सर्किट में फेल्योर तथा आग लगने के खतरे को कम रखने के लिए बहुत ही कम पॉवर कान्टैक्टर्स का यूज किया गया है। इस सर्किट में लगाए गए सिलेक्टर स्विच की मदद से इंजन को ओएचई मोड तथा बैटरी मोड में से किसी एक मोड पर चलाया जा सकता है। ड्राइवर जरूरत के मुताबिक इंजन को एक मोड से दूसरे मोड में चेंज कर सकता है।
दो महीने में तैयार किया
ऑफिसर्स के मुताबिक, डुअल मोड शंटिंग इंजन को तैयार करने में फजलगंज इलेक्ट्रिक लोको शेड की टीम को लगभग दो महीने का वक्त लगा है। लॉकडाउन की वजह से शेड में मेंटीनेंस काम बेहद कम था। ऐसे में टीम का पूरा फोकस इस प्रोजक्ट की तरफ था। इलेक्ट्रिक इंजन को बैटरी मोड पर भी चलाया जा सके। इसके लिए इसमें कई चेंज किए गए है। जरूरत के मुताबिक, डुअल मोड रेल इंजन को मॉडीफाई कर और इंजन तैयार किया जाएंगे।
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आंकडे
2 महीने में लोको शेड की टीम ने तैयार किया डुअल मोड इंजन
18 सदस्यीय टीम ने मिलकर तैयार किया यह ड्यूल मोड इंजन
1 इंजन फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किया गया है
2 लाख से अधिक पैसेंजर्स को आने वाले समय में मिलेगी रिलीफ
कोट
रेल इंजन बदलने में लगने वाले समय के कारण पैसेंजर्स की असुविधाओं को देखते हुए डुअल मोड रेल इंजन तैयार किया गया है। जिसका ट्रायल सफल रहा है। इससे शेड में इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटीनेंस में आने वाली समस्या खत्म हो जाएगी। भविष्य में इन्हें पैसेंजर ट्रेनों में भी लगाने की प्लानिंग है।
अ िमत मालवीय, पीआरओ, एनसीआर