कानपुर (ब्यूरो)। केस्को का इलेक्ट्रिसिटी बिलिंग सिस्टम बदलने का खामियाजा कन्ज्यूमर्स को भुगतना पड़ रहा है। हजारों कन्ज्यूमर्स की आईडेंटीफाइड डिफेक्टिव (आईडीएफ) और रीडिंग डिफेक्टिव (आरडीएफ) बिलिंग हुई है। लोगों को बिल सही कराने के लिए गर्मी में केस्को ऑफिसेज के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बिल रिवीजन के केस बढऩे से केस्को ऑफिसर भी परेशान हैं।

मार्च में बदला था
दरअसल, पहले केस्को का खुद बिलिंग सिस्टम था। यूपीपीसीएल ने अन्य पॉवर सप्लाई कम्पनीज की तरह केस्को का भी बिलिंग सिस्टम करा दिया है। अप्रैल में नए सिस्टम से केस्को कन्ज्यूमर्स की भी बिलिंग होने लगी। यहीं से केस्को कन्ज्यूमर्स के लिए समस्या बढ़ गई।

पेडिंग है हजारों केस

अप्रैल और मई को मिलाकर 20 हजार से अधिक कन्ज्यूमर्स की आईडीएफ और आरडीएफ बिलिंग हुई। यानि कि जितनी बिजली खर्च हुई उस हिसाब से उनके बिल नहीं बने। डोमेस्टिक में 155 यूनिट प्रति किलोवॉट प्रति महीना के हिसाब से बिल बने। जिन लोगों के यहां बिजली खर्च अधिक था और बिल कम था। उन्होंने ज्यादा फिक्र नहीं की, लेकिन हजारों की संख्या में ऐसे भी कन्ज्यूमर रहे, जिनका आईडीएफ व आरडीएफ में बिल उनकी उम्मीद से अधिक आ गया। ऐसे कन्ज्यूमर्स को गर्मी में बिल सही कराने के लिए केस्को के सबस्टेशन, डिवीजन ऑफिस की दौड़ लगानी पड़ रही है।

सर्किल थ्री में अधिक

केस्को की रिपोर्ट के सबसे अधिक आरडीएफ बिलिंग के केस्को के सर्किल थ्री में सामने आए हैं। इसमें दहेली सुजानपुर, हंसपुरम, हैरिसगंज, जाजमऊ व नौबस्ता डिवीजन शामिल हैं। टोटल संख्या 6 हजार से अधिक है। वहीं सर्किल फोर में शामिल कल्याणपुर, रतनपुर, सर्वोदय व विकास नगर डिवीजन में 5 हजार से अधिक आरडीएफ बिलिंग हुई है।