कानपुर (ब्यूरो)। सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के एग्जाम से पहले मार्किंग स्कीम में चेंजमेंट किया है। स्टूडेंट्स को अब सीबीएसई की ओर से जारी की जाने वाली मार्कशीट में डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं मिलेगी। साथ ही बोर्ड माक्र्स के परसेंटेज को भी कैलकुलेट नहीं करेगा। सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर डॉ। संयम भारद्वाज ने इसे लेकर नोटिस जारी करते हुए जानकारी दी। नोटिस को सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी अपलोड करा दिया गया है।

परसेंटेज में इंग्लिश की बाध्यता खत्म
हायर एजुकेशन में एडमिशन लेते समय या जॉब के समय कैंडीडेट को परसेंटेज की आवश्कता पड़ती है। ऐसे में सीबीएसई की ओर से जारी नोटिस में बताया गया है कि मार्कशीट में टॉप 5 सब्जेक्ट के माक्र्स का टोटल करके परसेंटेज निकालकर उपयोग में लाया जा सकता है। अभी तक सीबीएसई बोर्ड में परसेंटेज निकालने के लिए इंग्लिश प्लस बेस्ट फोर सब्जेक्ट के माक्र्स को टोटल करके परसेंटेज निकाला जाता है। साल 2023-24 में एग्जाम में टॉप माक्र्स वाले 5 सब्जेक्ट्स को बेस बनाकर टोटल किया जाएगा। ऐसे में परसेंटेज निकालने का भ्रम भी दूर होगा, इसके अलावा टोटल परसेंटेज में इंग्लिश की बाध्यता भी खत्म हो जाएगी।

फरवरी मिड में एग्जाम
सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट 10वीं और 12वीं के एग्जाम डेट को लेकर लगातार गूगल पर सर्च कर रहे हैैं। सिटी के टीचर्स की माने तो सीबीएसई की 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम को फरवरी से मार्च के बीच कराया जाएगा। उम्मीद है कि एग्जाम फरवरी के मिड से स्टार्ट होकर मार्च के फस्र्ट या सेकेंड वीक तक खत्म हो जाएंगे। डेटशीट किसी भी वक्त जारी हो सकती है। एग्जाम का शेड्यूल सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट ष्ड्ढह्यद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ पर अपलोड कराया जाएगा।

एक जनवरी से होंगे प्रैक्टिकल
सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों में 10वीं औैर 12वीं के प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट का काम एक जनवरी से स्टार्ट हो जाएगा। 12वीं में प्रैक्टिकल के लिए बाहर से एग्जामनर को बुलाया जाएगा। जबकि 10वीं में इंटरनल एसेसमेंट के बेस पर नंबर दिए जाएंगे। ऐसे में सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों में प्रीबोर्ड एग्जाम्स को कराया जा रहा है या फिर हो चुके हैैं। अब स्कूल स्टूडेंट्स को रिवीजन कराने पर फोकस कर रहे हैैं।

कोट
सीबीएसई ने डिवीजन और डिक्टिंशन को खत्म कर दिया है। ऐसा होने से स्टूडेंट कैटेगरी में बंट जाता था। जबकि स्कूलिंग का काम किसी को भी कैटेगरी में न बांटकर बल्कि उसकी क्षमता के अïनुसार आगे बढ़ाना है। एनईपी के बेस पर अब टॉप 5 किसी भी सब्जेक्ट को टोटल करके परसेंटेज निकाला जा सकता है।
बलविंदर सिंह, डिस्ट्रिक कोआर्डिनेटर, सीबीएसई