कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपके आंख से लगातार आंसू निकल रहे है तो जरूरी नहीं वह आई फ्लू से ग्रसित है। वह एक्वायर्ड डैक्रियोसिस्टाइटिस से पीडि़त भी हो सकता है। यह आंखों में होने वाली बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है। अगर सहीं समय पर इसका उपचार नहीं कराया गया तो यह गंभीर रूप ले सकता है। वर्तमान में आई फ्लू के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे है। उसके साथ ही डेली हैलट व उर्सला ओपीडी में कई पेशेंट डैक्रियोसिस्टाइटिस के भी सामने आ रहे हैं।

बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक चपेट में

आंखे शरीर का सबसे नाजुक अंग है। इससे जुड़ी परेशानी किसी को भी हो सकती है। लेकिन डैक्रियोसिस्टाइटिस की समस्या बच्चों में जन्मजात होने के साथ यूथ व ओल्डएज में भी देखने को मिलती है। आई स्पेशलिस्ट डॉ। शालिनी मोहन ने बताया कि डैक्रियोसिस्टाइटिस किसी आयु में हो सकती है। रिसर्च में सामने आया है कि यह बीमारी 55 परसेंट महिलाओं में व 45 परसेंट पुरुषों में पाई जाती है। वहीं जन्मजात डैक्रियोसिस्टाइटिस दोनों सेक्स में एक समान आवृति के साथ होता है।

महीने में लगभग 100 केस

एक्सपर्ट का कहना है कि हैलट व उर्सला की आई डिपार्टमेंट की ओपीडी में आने वाले मरीजों में हर माह 100 से अधिक मरीज डैक्रियोसिस्टाइटिस के आते हैं। डेली ओपीडी में तीन से चार मरीज आ जाते हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में हर माह 50 से अधिक पेशेंट इस बीमारी से ग्रसित होकर पहुंचते हैं। बीमारी से ग्रसित पेशेंट को समय से ट्रीटमेंट मिलने पर वह पूर्ण रूप से पहले की तरह साफ देख सकता है।

क्या होता है डैक्रियोसिस्टाइटिस

डैक्रियोसिस्टिटिस लैक्रिमल थैली की एक तीव्र या पुरानी सूजन वाली स्थिति है। जिसमें नासोलैक्रिमल नली में रुकावट आ जाती है। जिससे फाड़ होता है। इसी के रास्ते आंखों से आने वाले आंसू का एक हिस्सा नाक और दूसरा हिस्सा गले में जाकर ड्राई कर देता है। जब यह नली ब्लॉक हो जाती है तो यह वहां तक नहीं जा पाता है और आंखों से लगातार पानी आंसू के रूप में बहने लगता है। यहीं नहीं यह आंख से नाक की ओर बनी नली में सूचन या किसी पुराने गांठ होने से नाक में आने वाला प्रवाह बाधित होता है। जिससे डैक्रियोसिस्टाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। अगर लगातार आंख में पानी आ रहा है तो इससे आंखों में इंफेक्शन हो जाता है। समय पर उपचार नहीं हुआ तो यह बड़ी बीमारी का रूप ले लेता है। जिसका उपचार ऑपरेशन से ही संभव होता है।

यह है लक्षण

- आंख में दर्द

- आपकी आंख के आसपास सूजन

- लाली या त्वचा का काला पडऩा

- लगातार आंखों में पानी आना

- एक फोड़ा या घाव जिसमें आपकी पलकों के अंदरूनी कोने में डिस्चार्ज हो सकता है

डैक्रियोसिस्टाइटिस के कारण

- आंख वाहिनी में रुकावट के कारण डैक्रियोसिस्टाइटिस होता है

- ये रुकावटें आंखों से आपके नाम गुहा में आंसू के प्रवाह को बाधित करती है।

- बच्चों और बुजुर्गों में रुकावटें कई चीजों के कारण हो सकती हैं

- नसें डवलप न होने की वजह से बच्चों में जन्मजात यह बीमारी होती है

- यह समस्या सर्जरी से ही दूर होती है

आंख में कार्निया को सही से काम करने के लिए हमारे आंख में आंसू बनते रहते हैं। वहीं आंसू नाक के रास्ते छेद और गले में जाकर सूख जाता है। वहीं रास्ता ब्लाक या सूजन होने से बाहर गिरने लगता है। इससे आंखों में इंफेक्शन हो जाता है।

प्रो। डॉ। शालिनी मोहन, एचओडी, आई डिपार्टमेंट हैलट