कानपुर (ब्यूरो)। हनुमंत विहार में युवक की हत्या उसके पिता ने की है। बेंजाडीन टेस्ट में पिता के हाथों में ब्लड पार्टिकल्स मिले हैं। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पिता ने अपना जुर्म कबूल किया है। उसने बताया कि बड़ा बेटा मकान बेचने में बाधा बना हुआ था। इसीलिए उसे खत्म कर दिया। पुलिस सैटरडे को हत्यारोपी पिता को जेल भेजेगी। वहीं दोनों भाइयों की भूमिका पर पुुलिस अभी जांच कर रही है।
बाप-बेटे ही घर पर थे
मूलरूप से बिल्हौर के राधन गांव निवासी राकेश विश्वकर्मा हनुमंत विहार के आशा नगर में रहता है। साथ में 45 साल का बड़ा बेटा फर्नीचर कारीगर सुभाष, उसकी पत्नी नंद कुमारी, बेटा अंकित और बेटी खुशबू भी रहती है। जबकि सुभाष के दो छोटे भाई नीरज और सुधीर अपने परिवार के साथ घर से कुछ दूरी पर किराये के मकान में रहते हैं। 17 जून को नंदकुमारी बच्चों के साथ मायके गई थी। घर पर राकेश और सुभाष थे। गुरुवार सुबह राकेश ने मोहल्ले के लोगों को बताया कि सुभाष की हत्या हो गई है। सुभाष की पत्नी ने अपने ससुर राकेश और देवरों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
मकान बेचने नहीं दे रहे थे
पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पिता ने जुर्म कबूल किया। उसने बताया कि बेटे और बहू उसे बहुत परेशान कर रहे थे। वह उसे घर से बाहर निकालना चाहते थे। उसने बताया कि वह मकान बेचकर अलग रहना चाहता था। किसी को भी संपत्ति का हिस्सा देना नहीं चाहता था, लेकिन सुभाष और उसकी पत्नी न मकान बेचने दे रहे थे और न खाली कर रहे थे। इसको लेकर कई बार पहले भी विवाद हुआ था। इसीलिए उसकी हत्या कर दी। थाना प्रभारी उदय प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि मामले में पुलिस अभी पूछताछ कर रही है। शनिवार को घटना का राजफाश किया जाएगा।