कानपुर (ब्यूरो)। राजकोट के टीआरपी गेम जोन में सैटरडे को लगी आग में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद जिम्मेदार डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स को शहर के गेम जोन की याद आई। कमिश्नरेट में तैनात सभी एसीपी ने अपने-अपने जोन में पडऩे वाले गेम जोन में चेकिंग की। इस दौरान 18 गेम जोन के संचालक लाइसेंस नहीं दिखा सके। शहर में चल रहे 22 गेम जोन में सिर्फ चार के पास ही एनओसी मिली। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि
और 18 गेम जोन फायर डिपार्टमेंट की एनओसी के चल रहे हैं। जिनमें किसी भी समय हादसा हो सकता है। कानपुर में भी चल रहे कुछ को छोडक़र ज्यादातर गेम जोन सेफ नहीं हैं।
केवल अप्लाई करके शुरू कर दिया
मनोरंजन विभाग को अप्लाई करते ही गेमिंग जोन शुरू कर दिया गया। न तो इनका लाइसेंस बन पाया और न ही फायर विभाग ने इन्हें अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है।
ज्वलनशील पदार्थों का हो रहा था उपयोग
शहर में जब इन गेंिंमंग जोन की जांच की गई तो यहां मानक के बिल्कुल विपरीत काम होता पाया गया। अधिकतर गेम जोन में ज्वलनशील पदार्थ के कंटेनर मिले हैैं, जो पूरी तरह से खतरनाक हैैं। वहीं दो लोगों के बैठने के स्थान पर भी निर्धारित दूरी नहीं मिली है। राजकोट हादसे के बाद पुलिस, प्रशासन और फायर विभाग इसे लेकर पूरी तरह से न सिर्फ अलर्ट है बल्कि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट भेजकर 18 गेम जोन जो मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं, सीज करने की संस्तुति की है।
लगातार की जाएगी चेकिंग
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि किसी भी तरह इस शहर में अवैध काम नहीं होने दिया जाएगा। लगातार थाना पुलिस फायर टीम के साथ चेकिंग करेगी। वहीं सीएफओ ने बताया कि मंडे को चेकिंग की गई है, लगातार चेकिंग की जाएगी।