कानपुर (ब्यूरो)। डीसीपी क्राइम ने साइबर सेल में लंबे समय से जमे और लापरवाह 22 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इनमें चार दारोगा, तीन हेड कांस्टेबल और 15 सिपाही शामिल हैं। दरअसल, बीते छह महीने में साइबर थाना में 47 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार छह माह में ही पांच गुना मामले में बढ़ गए हैं। ऐसे में केस निस्तारण में साइबर थाना पुलिस बहुत पीछे चल रही है।

41 मामले हैैं पेंडिंग मे
साइबर थाना पुलिस ने में लगभग 41 विवेचनाएं पेंडिंग हैं। इस साल प्रकाश में आए 33 अभियुक्तों में केवल 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी है। अफसरों का मानना है कि सालों से जमे सिपाही और दारोगा विवेचनाओं के निस्तारण में लापरवाही बरत रहे हैं। इसीलिए यह सेल में तैनात 22 पुलिसकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जल्द ही नई टीमें अनुभवी और तकनीकी रूप से मजबूत सिपाही और दारोगाओं की तैनाती की जाएगी, ताकि केस निस्तारण में तेजी आ सके।

ये हुए लाइन हाजिर
दारोगा पवन प्रताप, सचिन कुमार, बृजेश भाटी और राहुल कुमार और मुख्य आरक्षी व आरक्षी रोबिन ङ्क्षसह, अजय कुमार, धर्मेन्द्र प्रताप, पवन राजपूत, अभिषेक कुमार, राजेश कुमार, पुष्पा ङ्क्षसह, मोनिका, पूनम परिहार, अमिता यादव, विजय लक्ष्मी, प्रियंका पांडेय, अरुणा ङ्क्षसह, प्रदीप कुमार व चार अन्य।