कानपुर (ब्यूरो)। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर में देश का पहला इंटीग्रेटेड स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी खोला जाएगा। इस काम के लिए आईआईटी और कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (केएमबीएल) ने कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी आईआईटी कानपुर में लांच करने की घोषणा की। दिल्ली में हुए लांचिंग प्रोग्राम के चीफ गेस्ट और सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान रहे। सम्मानित अतिथि के रूप में डीएसटी सेक्रेटरी डॉ। अभय करंदीकर, सेक्रेटरी इस्पात मंत्रायल नागेंद्र नाथ सिन्हा, आईआईटी कानपुर के आफिसेटिंग डायरेक्टर प्रो। एस गणेश, कोटक महिंद्रा बैैंक के चेयरमैन प्रकाश आप्टे और होल टाइम डायरेक्टर शांति एकंबरम समेत कई लोग शामिल रहे।
नेचुरल कैलमिटीज गंभीर खतरा
स्कूल के स्थापना के उद्देश के बारे आईआईटी के मीडिया सेल की ओर से बताया गया कि ग्लोबल वार्मिंग हमारे अस्तित्व के लिए एक गंभीर ख़तरा है, जो असामयिक प्राकृतिक आपदाओं, पॉल्यूशन और बायोडायवर्सिटी के नुकसान के रूप में सामने आते हैैं। वल्र्ड लीडर सीओपी (पार्टियों के सम्मेलन) की मीटिंग्स में ऐसी पॉलिसी और कामों पर डिस्कशन कर रहे हैैं जो एक स्थायी भविष्य की ओर ले जा सकें। इन सभी चैलेंजेज से निपटने के लिए स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी स्थापित करने के लिए आईआईटी और कोटक बैैंक एक साथ आए हैं।
बैैंक देंगी सीएसआर फंड
केएमबीएल, वंशावली शिक्षा, रिसर्च और आउटरीच को बढ़ावा देने की दृष्टि से कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी की स्थापना के लिए अपने सीएसआर प्रोग्राम के माध्यम से आईआईटी कानपुर को फंडिंग कर रहा है। कोटक और आईआईटी कानपुर का मानना है कि यह स्कूल स्थिरता कार्यों के लिए विचारशील नेतृत्व समाधान प्रदान करने और भावी पीढिय़ो को सतत विकास का नेतृत्व करने के लिए तैयार करने के लिए तैयार है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा
स्कूल स्थिरता के कई पहलुओं में सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से आईआईटी कानपुर में विभागों और सेंटर आफ एक्सीलेंस को एक साथ लाएगा। कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी में सेंटर आफ एक्सीलेंस होगा जो कि स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, परिपत्र अर्थव्यवस्था, जलवायु वित्त, सतत समाज और नीति जैसे स्थिरता के विभिन्न पहलुओं को कवर करेंगे।
एकेडमिक व स्किल प्रोग्राम चलेंगे
कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी का नेतृत्व दुनिया भर के अनुभवी प्रोफेसरों और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। स्कूल को स्थिरता के अलग अलग सब्जेक्ट्स में यूजी, पीजी लेवल के एकेडमिक और स्किल्ड प्रोग्राम चलाने के लिए स्थापित किया गया है।
ए से जेड तक करेगा कवर
सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी आईआईटी कानपुर और इसके एलुमिनाई के इतिहास के अनुरूप संबंधित क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करेगा। स्कूल केवल टेक्नोलॉजी और इकोनॉमिक्स के बारे में नहीं होगा, बल्कि स्थिरता के ए से जेड तक को कवर करेगा। यह पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 2070 तक नेट ज़ीरो के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में भारत की मदद करने में सहायक होगा।
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मजबूत आधार विकसित करेगा
सेंट्रल गवर्नमेंट के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सेक्रे टरी प्रो। अभय करंदीकर ने कहा कि कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी, क्लाइमेट चेंज के कारण सस्टेनेबिलिटी के चैलेंजेज से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पेश करेगा। स्कूल का मिशन सस्टेनेबिलिटी से संबंधित भारत के नेशनल मिशन के अनुरूप है। स्कूल समाज के लिए क्लाइमेट रेजिलिएंट इकोनॉमी हासिल करने के लिए सतत विकास के लिए एक मजबूत आधार विकसित करने में मदद करेगा।
सही समय पर मिला अवसर
कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन प्रकाश आप्टे ने कहा कि इस स्कूल के निर्माण से कोटक और आईआईटी कानपुर दोनों को एक परंपरा विकसित करने और स्थिरता की दिशा में काम करने का सही समय पर अवसर मिला है। जो आज हमारे सामने अस्तित्व को बचाने की सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है।
सस्टेनेबिलिटी ग्लोबल चैलेंज बनी
आईआईटी कानपुर के आफिसेटिंग डायरेक्टर प्रो। एस गणेश ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी इस समय के सबसे प्रमुख ग्लोबल चैलेंजेज में से एक है। आईआईटी कानपुर की कई अग्रणी पहलों को जोड़ते हुए और कोटक महिंद्रा बैंक के सीएसआर फंडिंग सपोर्ट के साथ संस्थान विचारशील नेतृत्व प्रदान करने, स्थिरता कार्यों के लिए ठोस समाधान विकसित करने समेत कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी की स्थापना कर रहा है। स्कूल के प्रोफेसर इंचार्ज आशीष गर्ग ने कहा कि स्कूल का लक्ष्य सस्टेनेबल एजुकेशन, रिसर्च, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, और आउटरीच में एक्सीलेंस प्राप्त करना है।