- भारी संख्या में रेम्डेसिविर इंजेक्शन के साथ लखनऊ के ठाकुरगंज में पकड़े गए तस्कर ने दी पुलिस को जानकारी
- पूछताछ में आरोपियों का दावा, प्रदेश में डुप्लीकेट रेम्डेसिविर का भी चल रहा है खेल, मुंहमांगे दामों में बेच रहे
4 से पांच हजार रुपए में रेम्डेसिविर खरीदते थे
15 से 20 हजार रुपए में कस्टमर्स को बेचते थे
34 इंजेक्शन पुलिस ने तस्करों से बरामद किए
4.69 लाख रुपए भी आरोपियों के पास मिले
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KANPUR : कोरोना काल में लोगों की जान बचाने वाले इंजेक्शन रेम्डेसिविर की कालाबाजारी जोरों पर है। कानुपर के दलाल शहर के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों तक इंजेक्शन की तस्करी कर रहे हैं। संक्रमितों की मजबूरी का फायदा उठाकर 15 से 20 हजार रुपए मे इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं। कुछ दिन पहले बाबूपुरवा में पकड़े गए तस्करों से पुलिस पूछताछ कर रही है। अभी यह जांच पूरी भी नहीं हो पाई है कि राजधानी लखनऊ में पकड़े गए तस्करों ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वे इंजेक्शन कानपुर के दलालों से लाते हैं। डुप्लीकेट रेम्डेसिवर की तस्करी की भी बात सामने आई है। अभी तक गिरोह के तार कोलकाता से जुड़े पाए गए थे। अब कानपुर में तस्करों की जड़े दिखाई देने लगी हैं।
ठाकुरगंज पुलिस ने किया था गुडवर्क
ठाकुरगंज पुलिस ने थर्सडे देर रात एरा मेडिकल कॉलेज के पास से दो डाक्टरों समेत चार लोगों को रेम्डेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार किया था। उनके पास से 34 इंजेक्शन औैर 4,69,000 रुपए बरामद किए हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से उनके गैंग के बारे में पूछताछ कर रही है। एडीसीपी वेस्ट लखनऊ राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में सरफराजगंज निवासी डा। अतहर, एरा हास्टल में रहने वाले डॉ। सम्राट मूल निवासी गोंडा दुर्जनपुर और बांगरमऊ उन्नाव का विपिन कुमार, सरफराजगंज का तहजीबुल हसन है। चारों एरा के आस पास खड़े थे।
20 हजार में तय किए थे रेट
पुलिस के मुताबिक दलालों ने 20 हजार रुपए में रेम्डेसिविर इंजेक्शन देने का सौदा तय किया। टीम के लोगों ने इन्हें वहीं बुलाया था। इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि इंजेक्शन चार से पांच हजार रुपए में खरीदते थे और 15 से 20 हजार रुपए में बेचते थे।
कानपुर का एक दलाल करता था सप्लाई
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील कुमार दुबे ने बताया कि ये गैंग कानपुर के एक दलाल के संपर्क में था। वह इन्हें इंजेक्शन मुहैया कराता था। पकड़े गए आरोपियों से दलाल के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बढ़ते कोविड संक्रमण में मरीजों के लिए इस इंजेक्शन की काफी जरूरत है। यह लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी बीते कई महीनों से कर रहे थे। गिरोह के अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।