कानपुर (ब्यूरो) शहर के कई थाने जैसे स्वरूप नगर, नवाबगंज, काकादेव, फजलगंज और साउथ सिटी के किदवई नगर समेत कई थाने हैैं, जहां बाहर खड़े वाहनों की वजह से जाम लग जाता हैैं। वहीं थानों में सालों से खड़े वाहनों की वजह से थानों का एक हिस्सा कबाडख़ाना बना हुआ है। इसे दूर करने के लिए तमाम कोशिशें की गईं लेकिन सफलता अब मिली है।
आवास की तलाश में पुलिसकर्मी
कमिश्नरेट बनने के साथ ही पुलिसकर्मियों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई। जिसके बाद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के आवास की प्रॉब्लम बढ़ गई। दरअसल पहले से इन सरकारी आवासों में रह रहे पुलिसकर्मी ट्रांसफर के बाद भी सरकारी आवास खाली करके नहीं गए थे, वहीं कई परिवार रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी आवासों में कब्जा किए थे। कई बार नोटिस देने के बाद भी आवास खाली न हो सका। दिसंबर 2022 में जब शासन के आदेश के बाद आवास के किराए की रिकवरी शुरू हुई तो आनन-फानन में आवास खाली करा दिए गए थे। इसके बाद भी आवास की प्रॉब्लम बनी हुई थी, फरवरी 2023 में पुलिस अधिकारियों ने ये प्रपोजल शासन को भेजा था जो पास कर दिया गया।
शहर के बाहर खड़े किए जाएंगे वाहन
कुछ दिन पहले ही पुलिस ने अपनी जमीन तलाशने का काम शुरू कर दिया था। जिसमें संबंधित विभाग भी सहयोग कर रहे थे। पुलिस अधिकारियों की माने तो इसी चिन्हित की गई जमीन को डंपिंग यार्ड बनाया जाएगा। कमिश्नरेट के सभी थानों में कबाड़ हो रहे वाहन यहीं रखे जाएंगे। वहीं छोटे अपराधों में पकड़े जाने वाले वाहनों को उनके स्वामियों के हवाले कर दिया जाएगा।
नीलामी कर कबाडिय़ों को देंगे वाहन
ऐसे वाहन जो थानों में खड़े हैैं। पांच सालों से उनका कोई मालिक नहीं सामने आ रहा है। या कई सालों से भारी वाहन जगह घेरे खड़े हैैं। इन वाहनों को नियमानुसार कबाड़ में दी जाएंगी।
थानों में जगह निकलने पर वहां तैनात पुलिस कर्मियों के लिए आवास बनाए जाएंगे, जिससे समस्या का समाधान होगा।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर