मुख्य जिला जज मार्क वोल्फ ने ट्रांसजेंडर कैदी मिशेल कोसीलेक के मामले में ये फैसला सुनाया है जो चार साल से एक महिला बनने का सपना देख रहे हैं।

मिशेल का जन्म एक पुरुष के रूप में हुआ था लेकिन अब उन्हें हार्मोन दिए जा रहे हैं। वो मैसाच्युसेट्स राज्य में नॉरफुक में पुरूषों के लिए बनी जेल में रहते हैं।

आत्महत्या करने की कोशिश भी की

अदालत में पेश दस्तावेजों के अनुसार हार्मोन और मनोवैज्ञानिक इलाज के बावजूद कोसीलेक खुद को नपुंसक बनाने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने दो बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की।

जज ने अपने फैसले में डॉक्टरों की इन सिफारिशों का हवाला दिया है जिनके मुताबिक ऑपरेशन के जरिए सेक्स बदलना ही मिशेले कोसीलेक के इलाज का इकलौता तरीका है।

कोसीलेक का नाम कभी रॉबर्ट हुआ करता था और वो 1990 में अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में सजा काट रहे हैं जिनमें उनकी रिहाई की कोई संभावना नहीं है।

जेल के अधिकारी इस तरह के ऑपरेशन का विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक अगर कोसीलेक का सेक्स बदला जाता है तो वे उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं करा पाएंगे। लेकिन जज ने इस दलील को खारिज कर दिया। वहीं राज्य के कई जनप्रतिनिधि भी करदाताओं के पैसे से कैदी का सेक्स चेंज कराने वाला ऑपरेशन कराने का विरोध कर रहे हैं।

जज वोल्फ ने अपने फैसले में कहा है, “यह ठीक नहीं होगा कि लैंगिंक पहचान से जुड़ी विकृति से पीड़ित किसी व्यक्ति के साथ उन बाकी कैदियों से अलग बर्ताव किया जाए जो अन्य बहुत सारी मानसिक बीमारियों से पीड़ित हैं.”

वहीं मैसाच्युसेट्स में कैदियों से जुड़े विभाग की प्रवक्ता डायना विफिन का कहना है, “हम अदालत के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं और इसके खिलाफ अपील के विकल्पों को तलाश रहे हैं.” वहीं केसीलेक की वकील ने जज वोल्फ के फैसले पर संतोष और खुशी जताई है।

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