कानपुर (ब्यूरो) रानी घाट निवासी एसके पोद्दार सीए हैैं। उनके पिता देवकी नंदन पोद्दार ने सेंट्रल बैैंक ऑफ इंडिया कराची खाना ब्रांच में लॉकर संख्या 511 लिया था। एस के पोद्दार ने बताया कि लगातार ब्रांच में लॉकर से ज्वैलरी गुम होने की वारदातें हो रही थीं। इस वजह से उनकी मां शकुंतला देवी लॉकर चेक करने आईं। मौजूद चाभी से लॉकर न खुलने की वजह से बैैंककर्मियों ने उन्हें गलत चाभी होने की जानकारी दी। इस पर वे वापस घर आईं और पूरी जानकारी बेटे को दी। जब एस के पोद्दार बैैंक पहुंचे और लॉकर खुलवाने को कहा तो चाभी से लॉकर नहीं खुला। इस पर गोदरेज कंपनी के मैकेनिक को बुलाया गया। जब लॉकर तोड़ा गया तो उसमें रखे 25 लाख रुपये से ज्यादा के जेवर गायब थे। ये देख एसके पोद्दार ने पुलिस को वारदात की जानकारी दी।

अभी और आ सकते मामले
पुलिस के मुताबिक, सेंट्रल बैंक की कराची खाना शाखा में दो मामले लगातार सामने आ चुके हैं। इससे अभी और मामले भी सामने आने की आशंका है। इसको लेकर भी जांच की जा रही है। हालांकि, इसकी सच्चाई तभी पता चलेगी, जब लोग अपना लॉकर खोलेंगे।

लॉकर बनाने वाली कंपनी पर अटकी जांच की सुई
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से जेवरात चोरी होने का तीसरा मामला सामने के बाद पुलिस की चुनौती और कठिन हो गई है। बैंक प्रबंधन लॉकर से जेवरात चोरी होने से इन्कार कर रहा है, मगर अब तीसरी घटना के सामने आने के बाद पुलिस भी सोच में पड़ गई है। ऐसे में में फीलखाना पुलिस ने लॉकर बनाने वाली कंपनी पर अपनी जांच केंद्रित कर दी है। पड़ताल की जा रही है कि कहीं उसी नंबर की दूसरी चाबी का प्रयोग तो लॉकर खोलने के लिए नहीं किया गया। इसीलिए पुलिस ने लॉकर से जुड़ी जानकारियां कंपनी से मांगी हैं। वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराचीखाना शाखा का लॉकर मैनेजर शुभम मालवीय सर्वाधिक संदेह की श्रेणी में है। पहला केस दर्ज होने के बाद से वे बैंक ब्रांच नहीं आये है। पहले उसने बीमारी का बहाना बनाकर अवकाश लिया और अब उसका कोई अतापता नहीं है। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि जिस तरह से बीमारी के बाद शुभम गायब है, उससे शक गहरा गया है। एक ओर जहां शुभम ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में गुहार लगाई है, वहीं उसकेबहनोई की ओर से रिपोर्ट क्वैश करने के लिए भी याचिका डाली गई है।