कानपुर (ब्यूरो)। नजीराबाद में कार से कुचलकर जूस का ठेला लगाने वाली महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोज सहित चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक फरार है। खास बात ये है कि विवाद सिर्फ फल का ठेला खड़ा करने को लेकर था। इसके लिए मनोज ने 50 हजार की सुपारी देकर जमयंती की हत्या करा दी। हत्या महज हादसा लगे, इसलिए कार से टक्कर मारकर कुचल दिया। लेकिन पुलिस की जांच में परत दर परत मामला खुल गया।

मरियमपुर अस्पताल के बाहर
नजीराबाद के लक्ष्मीरतन कॉलोनी में रहने वाले रामबहादुर की 45 साल की पत्नी जयमंती देवी अपने दोनों बेटों अजीत और अमित के साथ मरियमपुर अस्पताल के बाहर फल और जूस का ठेला लगाती थीं। गुरुवार रात करीब सवा दस बजे वह दोनों बेटों के साथ ठेले पर सामान लेकर पैदल घर लौट रही थीं। तभी नजीराबाद थाने की ओर से आ रही तेज रफ्तार कार ने मरियमपुर चौराहे के पास अचानक यू-टर्न लेते हुए उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर के बाद कार में फंसकर जयमंती 50 मीटर तक घिसटती चली गईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

ये है पूरे विवाद की वजह
जमयंती के बेटे अजीत ने पड़ोस में फल का ठेला लगाने वाले मनोज के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। शनिवार देर रात पुलिस ने मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मनोज के बताया कि जयमंती देवी उसके गांव की ही थीं। मैंने ही उसका ठेला मरियम हास्पिटल के पास लगवाया था। नतीजा ये हुआ कि उसकी बिक्री कम हो गई और जमयंती का काम चल निकला। ऐसे में उसने जमयंती से दो हजार रुपये महीना देने का दबाव बनाया। जब उसने मना किया तो ठेला खड़ा करने के लिए विवाद होने लगा।

धंधा हो गया था चौपट
मनोज के मुताबिक, धंधा खराब हुआ तो वह डिप्रेशन में आ गया। इसी के चलते दोस्त ई-रिक्शा चालक महेश नागर के साथ मिलकर जयमंती को रास्ते से हटाने की प्लानिंग बनाई। महेश नागर ने मनोज की मुलाकात नौबस्ता बौद्ध नगर निवासी अभय कुमार गुप्ता उर्फ नितिन से कराई, जिसके पास स्वयं की स्विफ्ट डिजायर कार थी। आर्थिक तंगी की वजह से वह कार का लोन अदा नहीं कर पा रहा था। बाद में इस योजना में अभय का दोस्त आवास विकास हंसपुरम अमित कठेरिया और कच्ची बस्ती निवासी गया प्रसाद भी शामिल हो गया।

तीन दिन तक रेकी
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि मनोज के मोबाइल में एक वीडियो मिला है, जिसमें जमयंती की फोटो है। यह वीडियो मनोज ने अभय को दिखाने के लिए बनाया था कि उसे कैसे रास्ते से हटाना है। इसके अलावा संबंधित कई मैसेज व वीडियो मिले हैं, जिससे लग रहा है कि तीन दिन रेकी के बाद वारदात को अंजाम दिया गया। एसीपी वृजनारायण ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए मनोज ने महेश व अभय को 20-20 हजार रुपये और अमित को 10 हजार रुपये दिए थे।