वे समुद्र के उस हिस्से में जाकर वापस आए हैं जहां पिछले 50 साल से कोई नहीं गया। उन्होंने पश्चीमी पेस्फ़िक में सबसे गहरे स्थल मरियाना ट्रेंच में 11 किलोमीटर गहराई तक गोता लगाया है।
नीचे पहुँचने में उन्हें दो घंटे से ज्यादा का समय लगा। वे डीप सी चैंलेजर नाम की पनडुब्बी में गए थे जिसे ऑस्ट्रेलिया में बनाया गया था। उन्होंने समुद्र तल पर तीन से ज्यादा घंटे बिताए।
सच हुआ सपना
समुद्र तल में जाने से पहले कैमरन ने बीबीसी से बातचीत में कहा था कि उनका एक सपना सच हो गया है। कैमरन पिछले कई वर्षों से गुप्त रूप से विशेष पनडुब्बी के डिजाइन पर इंजीनियरों की टीम के साथ काम रहे थे। इसका वज़न 11 टन है और ये सात मीटर से भी ज़्यादा लंबी है।
कैमरन इसमें एक छोटे से खाने में बैठे जो स्टील से बना हुआ है ताकि वे समुद्र की गहराई में दबाव को झेल सके। नीचे बिल्कुल अंधेरा होता है और वहाँ काफी ठंड होती है।
पनडुब्बी में कैमरों और रोशनी का प्रावधान था ताकि वे फिल्मांकन कर सकें। वे इस पर एक वृत्तचित्र बनाना चाहते हैं। इस तरह का अभियान केवल एक बार 1960 में हुआ था जब दो लोग इस गहराई में उतरे थे।
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