- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर 75 चौराहों पर लगाए गए थे सिग्नल, कैमरे और पीएस सिस्टम

- 6 महीने में हुआ संचालन ठप, दो महीने से पड़ा है बिल्कुल बेकार, दिल्ली की कंपनी ओनिक्स ने ली थी जिम्मेदारी

kanpur: कानपुर के ट्रैफिक सिस्टम को स्मार्ट बनाने के लिए शासन की तरफ कई बड़े कदम उठाए गए। इंट्रीगेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(आईटीएमएस) और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों पर कैमरे और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया। लेकिन, सारी कवायद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बीते दो महीने से पूरा सिस्टम ठप पड़ा है। 75 चौराहों का संचालन आईटीएमएस (इंटेलीजेंस ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम) से होना था। लेकिन इंप्लीमेंट केवल 68 चौराहों पर हो पाया। जिसमें 41 सिग्नल सही हैं। बाकी 27 खराब हैं। सभी 58 कैमरे भी पूरी तरह से खराब पड़े हैं। पीए सिस्टम भी किसी चौराहे पर काम नहीं कर रहा है।

बहा रहे पब्लिक की कमाई

शहर का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ। शहर को स्मार्ट बनाने की तमाम योजनाएं धरातल पर लाने के लिए काम शुरू किया गया। मेट्रो बनाने का काम शुरू हुआ। मार्निग वाकर्स के लिए जिम और पार्क बनाने के लिए कहा गया। इसके अलावा भी तमाम योजनाएं आईं थी। शहर के यातायात के सुधारने की जिम्मेदारी इंटेलीजेंस ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम को दी गई। इसके अंतर्गत शहर के सभी चौराहों को कैमरों से लैस करना और सिगनल से ट्रैफिक कंट्रोल करना था।

आधा-अधूरा काम हैंडओवर किया

दिल्ली की कंपनी ओनिक्स इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड को शहर के चौराहों को दुरुस्त करने और कैमरों से लैस करने की जिम्मेदारी दी गई। नेटवर्क का इंतजाम बीएसएनएल को करना था। कंपनी ने आधा अधूरा काम करके केडीए को हैंडओवर कर दिया। कंपनी सर्विस प्रोवाइड नहीं कर पाई लिहाजा केडीए से नगर निगम को जिम्मेदारी सौंप दी गई। कंपनी ने बंद पड़ी चौराहों की लाइटिंग को नवंबर में शुरू करने को कहा था। इसके बाद भी चौराहे चालू नहीं हो पाए।

सिपाहियों के भरोसे शहर

3015.00 लाख रुपये की लागत के बाद शहर के चौराहों पर लाल नीली और पीली लाइटें लगाई तो गईं, लेकिन ये बत्तियां शोपीस बनकर रह गई हैं। दरअसल मेंटिनेंस ठीक न होने की वजह से ये लाइटें शोपीस बन गईं। जिसकी वजह से इन चौराहों की जिम्मेदारी अब फिर से सिपाहियों पर आ गई है।

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चौराहों के मेंटिनेंस की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है। इसका कई बार रिमाइंडर भेजा गया है।

बसंत लाल, एसपी ट्रैफिक

आईटीएमएस: एक नजर

3015.00 लाख की लागत

87, 175 चालान किए गए

26,77, 800 रुपये वसूले

75 चौराहों पर होना था संचालन

68 चौराहों पर हो पाया काम