मैच में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर हुई मगर मारियो बालोटेली ने पहले ही हाफ में टीम को जो दो गोल की बढ़त दिलाई वो अंत में निर्णायक साबित हुई। मैच का निर्धारित समय समाप्त होने के बाद चार मिनट के अतिरिक्त समय में जर्मनी को पेनल्टी का मौका मिला था जिसके जरिए जर्मनी की ओर से एकमात्र गोल ओजिल ने किया।
किसी अहम प्रतियोगिता में इससे पहले तक इटली और जर्मनी की भिड़ंत सात बार हुई थी और इटली एक बार भी जर्मनी से नहीं हारा है। इससे पहले बालोटेली ने ग्रुप स्टेज में आयरलैंड के विरुद्ध गोल किया था मगर उसके बाद स्पेन, क्रोएशिया और इंग्लैंड के विरुद्ध कई मौके गँवाने के लिए उनकी आलोचना हो रही थी। पर अब इस मैच के बाद वह एक हीरो हो गए हैं।
आक्रमण
मैच के शुरुआती समय में दोनों ही टीमों ने काफी आक्रमण किया और बालोटेली शुरू से ही गोल करने के मूड में दिख रहे थे। मैच के 20 मिनट पूरा होते-होते एंतोनियो कसानो ने बाँई ओर से दो डिफेंडरों को छकाते हुए एक बेहतरीन क्रॉस दिया जिसे बालोटेली ने अपने सिर से गोल का रास्ता दिखाया।
इसके बाद जर्मन खिलाड़ियों ने आक्रामक होते हुए गोल बराबर करने की कोशिश की मगर इतालवी खिलाड़ियों ने गेंद पर नियंत्रण बनाए रखा। मैच में 35 मिनट बाद एक बार फिर इटली के बालोटेली का जलवा दिखा। उन्हें रिकार्डो मोंटोलिवो से पास मिला जिसे लेकर वह आगे बढ़े और बेहतरीन शॉट लगाकर उन्हें बॉल को दाँए कोने पर जाल में पहुँचाया।
दूसरे गोल के होते ही जर्मन प्रशंसकों के आँसू बह निकले। उन्हें वहाँ से हार घूरती नजर आ रही थी और अंत में नतीजा भी वही हुआ। इसके बाद दूसरे हाफ में जर्मन खिलाड़ियों ने गोल उतारने की बहुत कोशिश की, उन्हें कुछ मौके भी मिले मगर वे इसका फायदा नहीं उठा सके। जर्मनी के प्रशंसकों ने गाने गाकर और नारे लगाकर टीम का हौसला बढ़ाने की काफी कोशिश की मगर उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
निर्धारित समय पूरा होने के बाद चार मिनट का समय अतिरिक्त जुड़ा जिस दौरान जर्मनी को एक पेनल्टी मिली। ओजिल ने आवेश में आए बिना खुद पर नियंत्रण रखते हुए गेंद को गोल में पहुँचाया।
इसके बाद जर्मन खिलाड़ियों ने अंतिम जोर लगाया मगर जीत इटली को ही मिली। पहले सेमीफ़ाइनल में पेनल्टी शूटआउट में पुर्तगाल को 2-4 से हराकर स्पेन पहले ही फाइनल में पहुँच चुका है।
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