फ़ैज़ी रफ़सनजानी को जनवरी में जेल की सज़ा सुनाई गई थी। उन्हें शनिवार देर रात जेल भेजा गया। समाचार एजेंसी फार्स के मुताबिक़ उन्हें तेहरान के कुख्यात इविन जेल में रखा गया है। संसद सदस्य रह चुकी फ़ैज़ी रफ़सनजानी महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती रही हैं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि समझा जाता है कि उन्हें मिली क़ैद की वजह वो साक्षात्कार था जिसमें उन्होंने मुल्क में मानवाधिकार के उल्लंघन और आर्थिक नीतियों की निंदा की थी। ये साक्षात्कार उन्होंने विरोधी ख़ेमे की वेबसाइट को दी थी।
पहली गिरफ़्तारी
पूर्व राष्ट्रपति की बेटी उन हज़ारों कार्यकर्ताओं में से एक थीं जिन्हें साल 2009 में राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के दौरान गिरफ़्तार किया गया था।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अहमदीनेजाद को दोबारा चुने जाने की वजह चुनाव में हुई धाँधली थी। हालांकि फ़ैज़ी रफ़सनजानी को बाद में छोड़ दिया गया था लेकिन फिर शासन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उन पर पिछले साल मुक़दमा चलाया गया।
अकबर हाशिमी रफ़सनजानी साल 1989 से लेकर 1997 के दौरान ईरान के राष्ट्रपति थे। उनके बेटे मेंहदी हसन पहले ही लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं।
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