कानपुर (ब्यृूरो) बिकरू कांड के बाद वकील सौरभ भदौरिया ने विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई और बिकरू कांड से पहले कानपुर के एसएससी अनंत देव तिवारी के संबंधों को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद हुई जांच में आईपीएस नीलब्जा चौधरी ने अनंत देव को क्लीनचिट दे दी थी। जबकि पहले हुई जांच मे अनंत देव तिवारी के जय बाजपेई से संबंधों को लेकर संदिग्ध और दोषी पाया गया था। अब गठित दोनों टीमों इसी मामले में दोनों आईपीएस की भूमिका की जांच कर 45 दिनों मे रिपोर्ट सौपी जाएगी।
जांच में दोषी को क्लीन चिट
बिकरूकांड से पहले कानपुर के एसएसपी रहे अनन्तदेव को क्लीन चिट देने के मामले में आईपीएस नीलाब्जा चौधरी की मुसीबत बढ़ सकती है। दोनों ही आईपीएस की जांच शुरू हो गई है जिसके लिए एक टीम केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त की गई है, जबकि दूसरी टीम यूपी से रहेंगी। यह जांच जॉइंट सेकेट्री गृह विभाग सहेली घोष और यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा करेंगे।
जांच में ठहराया था दोषी
बिकरू कांड के बाद विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई से संबंधों को लेकर एसआईटी ने अनंत देव को दोषी ठहराया था। उससे पूर्व की जांच में शासन से भेजी गई आईपीएस लक्ष्मी सिंह ने लिया अपनी रिपोर्ट में अनंत देव को दोषी पाया था। इसके बाद हुई विभागीय जांच में आईपीएस नीलाब्जा चौधरी ने क्लीन चिट दे दी। शिकायत होने पर अब इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है और दो कमेटी बना कर जांच कराई जा रही है।
शिकायतकर्ता को मिला पत्र
शिकायतकर्ता सौरभ भदौरिया ने बताया कि दो जांच में दोषी पाये जाने के बाद अनंत देव को बरी किया गया है। बिकरू कांड के दोषियों से मिलीभगत में उनको एसआईटी ने भी दोषी पाया था। सौरभ ने बताया कि पूर्व में शासन द्वारा भेजी गई जांच अधिकारी लक्ष्मी सिंह की जांच रिपोर्ट में भी अनंतदेव और जय बाजपेई के संबध सामने आये थे। आपको बता दे कि बिकरू कांड में कई पुलिसकर्मी और अधिकारी जांच के दायरे में आ चुके है। जिसमें से चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष और एक सब इंस्पेक्टर को जेल भी भेजा जा चुका है और वह अभी भी जेल में ही है ।