कानपुर(ब्यूरो)। चित्रकूट के जिला कारागार में गैंगवार में हुई हत्या के बाद शहर की जेल में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। अब बंदियों की तलाशी और मिलाई बॉडीबार्न कैमरे की निगरानी में शुरू हो गई है। वहीं बंदियों से पूछताछ करने और बयान दर्ज करने के लिए आने वाले सभी पुलिसकर्मियों और जेल कर्मियों की दो स्थानों पर आते-जाते तलाशी की व्यवस्था भी शुरू हो गई है।

फुटेज से तैयार होगी सीडी
जिला कारागार में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए चार बाडीवार्न कैमरे दिए गए हैं। एक बॉडीवार्न कैमरा मेनगेट पर मौजूद पुलिसकर्मी के पास रहता है, जबकि तीन अन्य कैमरे मिलाई कराने वाले पुलिसकर्मियों के पास रहते हैं। इन कैमरों में छह से सात घंटे का बैट्री बैकअप है। ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी इन कैमरों का इस्तेमाल करेंगे। जितनी देर चार्जिंग के लिए लगाया जाएगा, उस समय में उसकी मेमोरी से फुटेज निकालकर कंप्यूटर सिस्टम में डालने के साथ ही पीडी और सीडी तैयार कर ली जाएंगी।

इस्मेमाल शुरू कर दिया
जेल में बंदियों से मिलाई के लिए आने वाले लोगों की बाडीवार्न कैमरे के साथ मुख्यद्वार पर ही चेङ्क्षकग की जाएगी। इसके बाद चार अन्य द्वारों पर भी मिलाई के लिए आने वाले लोगों की चेङ्क्षकग होगी। जेल में 66 सीसी और पैन टिल्ट जूम (पीटूजेड) कैमरे पहले से लगे हैं। जेल अधीक्षक डॉ। बीडी पांडेय ने बताया कि सुरक्षा बढ़ाई गई है। चार बाडीवार्न कैमरे मिले हैं, इनका भी इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है। जेल कर्मियों की पहले भी तलाशी होती थी लेकिन अब वह भी बाडीवार्न कैमरे की निगरानी में होगी।

चार बाडीवार्न कैमरे मिले हैं, इनका भी इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है। जेल कर्मियों की पहले भी तलाशी होती थी लेकिन अब बॉडीवार्न कैमरे की निगरानी में होगी।
डॉ। बीडी पांडेय, जेल अधीक्षक

4 बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं जेल सुरक्षा के लिए
6 से सात घंटे का बैट्री बैकअप है इन कैमरों में
66 सीसी और पीटूजेड कैमरे पहले से लगे
24 घंटे कैमरों के जरिए रहेगी परिसर की निगरानी
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