कानपुर (ब्यूरो) पिछले दिनों छोटे मियां हाता के एक पांच मंजिला भवन में दावत-ए-इस्लामी का कार्यालय व मदरसा संचालित होता मिला था। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि मदरसा जिस जमीन पर स्थित है, वहां पूर्व में बेसिक शिक्षा विभाग के दो स्कूल हुआ करते थे। पुलिस ने नगर निगम, बेसिक शिक्षा विभाग और केडीए को नोटिस जारी कर जमीन के स्वामित्व, नक्शा पास होने की जानकारी मांगी थी। बाद में जिलाधिकारी विशाख जी के आदेश पर सभी संबंधित विभागों ने संयुक्त जांच शुरू की थी। मंडे को एसडीएम सदर अनुराज जैन के नेतृत्व में खंड शिक्षा अधिकारी बिरजू भारती व दीपक अवस्थी, डीसी कम्युनिटी अनिरुद्ध ङ्क्षसह, नगर निगम की जोनल अधिकारी पूजा और केडीए के विशेष कार्याधिकारी अवनीश ङ्क्षसह कर्नलगंज पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे।
मदरसे में बंद मिला ताला
मंडे को मदरसा में ताला बंद मिला। इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग के पुराने कर्मचारियों ने कई जानकारियां दी। पता चला है कि इस इमारत को लेकर 42 साल से मुकदमा चल रहा है। यहां जो स्कूल था वह गिर चुका है। पूर्व बीएसए पवन तिवारी से जमीन स्वामी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें कहा गया था कि भवन बनने के बाद स्कूल के लिए निर्धारित कमरे बेसिक शिक्षा विभाग को दे दिए जाएंगे। दावा है कि इस जमीन पर निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि जिस जमीन पर पांच मंजिला इमारत है, उससे स्कूल का कोई लेना देना नहीं है। अधिकारियों ने यह भी पाया कि दोनों के अराजी नंबर एक हैं। यही नहीं मुख्य द्वार पर स्कूल का नाम लिखा था, जिसे मिटा दिया गया है। बीएसए सुरजीत ङ्क्षसह ने बताया कि ट्यूजडे को रिपोर्ट मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। केडीए के ओएसडी अवनीश ङ्क्षसह ने बताया कि जिस इमारत में मदरसा चल रहा है, उसका नक्शा पास है या नहीं, यह ट्यूजडे तक पता चल जाएगा।