- सीओ करेंगे शस्त्र लाइसेंस रिन्यूअल में वसूली की जांच
- डीआईजी ने सीओ लाइन निखिल पाठक को सौंपी जांच
- 15 दिन में मांगी रिपोर्ट, ट्विटर पर भी मिली वसूली की शिकायत
kanpur : शस्त्र लाइसेंस के रिन्यूअल में हो रहे खेल का खुलासा कुछ दिन पहले दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट टीम ने किया था। इससे पुलिस महकमे में अफरातफरी मची हुई है। डीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह ने मामले की जांच सीओ लाइन निखिल पाठक से शुरू करा दी है। क्भ् दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले आईजी ने रिन्यूअल में लगे पुलिस कर्मियों को हटाने और रोज ड्यूटी बदलने के आदेश दे दिए थे।
एक महीने से चल रहा काम
पुलिस लाइन में शस्त्र लाइसेंस रिन्यूअल का काम लगभग एक महीने से चल रहा है। तीन महीने तक ये प्रक्रिया चलेगी। इसके तहत शहर के शस्त्र लाइसेंस धारक अपना लाइसेंस का रिन्यूअल करवा सकते हैं। कुछ दिन पहले डीआईजी समेत कई अन्य अफसरों के पास शिकायत पहुंची। ट्विटर पर की गई शिकायत को भी संज्ञान में लिया गया। जिसमें आरोप लगाया गया था कि लाइसेंस नवीनीकरण में पुलिस लाइन में वसूली की जा रही है। तय फीस से चार पांच हजार रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं।
आठ सिपाहियों पर कार्रवाई
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में न्यूज पब्लिश होने के ख्ब् घंटे बाद ही 8 पुलिस कर्मियों को हटा दिया गया था। डीआईजी ने बताया कि जांच में जो दोषी पाए जाएंगे उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।