-झकरकटी अंतर्राज्यीय बस अड्डा में हर तरफ अव्यवस्था का आलम, पीने के लिए पानी तक नहीं
- वीआईपी वेटिंग रूम से एसी गायब, एंट्री गेट से लेकर वेटिंग एरिया तक लगा गंदगी का अंबार
KANPUR। मेजर सलमान खान अंतर्राज्यीय बस अड्डा 'झकरकटी' में वीआईपी वेटिंग रूम में एसी नहीं है। दो साल पहले मेंटीनेंस की वजह से मुख्यालय भेजा गया था तबसे एसी लौटा ही नहीं। इधर गर्मी का मार्च तेजी से बढ़ा है। पैसेंजर्स गर्मी में परेशान हो रहे हैं। एंट्री गेट से लेकर ओपन वेटिंग एरिया में गंदगी का अंबार है। साथ ही टीन शेड भी टूटी पड़ी है। झकरकटी परिसर में नल और पानी का टैंक तो लगा है लेकिन प्यास बुझाने के लिए इससे एक गिलास पीने भी नहीं निकलता। मजबूर होकर पैसेंजर्स को अवैध वेंडरों से पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है। खरीदी गई पानी की बोतल जरूरी नहीं है कि ओरिजनल हो, क्योंकि बस अड्डे पर नकली पानी का व्यापार भी खूब फल फूल रहा है। झकरकटी बस अड्डा सिर्फ कहने को अंतर्राज्यीय बस अड्डा है। जो सुविधाओं के नाम पर एक डिपो से भी काफी पीछे हैं।
सीन-1, टाइम दाेपहर 12:11
एंट्री गेट में यूरिनल प्वाइंट
बस अड्डे के एंट्री गेट में ही यूरिनल प्वाइंट है। साफ-सफाई प्रॉपर न होने से वहां से बिना मुंह में कपड़ा लगाए कोई निकल नहीं सकता है। एंट्री गेट पर ही अवैध दुकानों के साथ ई-रिक्शा और ऑटो खड़े रहते हैं। इससे पैसेंजर्स को काफी परेशानी होती हैं। साथ ही एक्सीडेंट होने की संभावना बनी होती है।
सीन-2, टाइम दोपहर 12:18
झकरकटी बस अड्डे स्थित एसी वेटिंग रूम जहां एसी बसों के लगभग आधा दर्जन पैसेंजर्स बैठे थे। हॉल में पंखा चल रहा था। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने वहां मौजूद रोडवेज के स्टाफ से एसी क्यों नहीं चलाने की बात पूछी तो उसने बताया कि यहां एसी लगी ही नहीं है। दो साल पहले तक एसी लगी हुई थी। जो खराब होने पर मेंटीनेंस के लिए मुख्यालय गई थी। तब से वह वापस नहीं आई। जहां एसी लगी हुई थी। उन स्थानों को बैनर लगाकर ढक दिया गया है।
सीन-3 टाइम दोपहर 12:26
परिसर में मौजूद ओपन वेटिंग एरिया का टीन शेड टूटा पड़ा हुआ था। पैसेंजर्स के बैठने के लिए लोहे की बेंच रखी हुई है। जिसके बगल में कूड़े का अंबार लगा हुआ था। जहां बैठना तो दूर खड़ा होना मुश्किल हो रहा था। खास बात यह है कि झकरकटी बस अड्डे में यह स्थान इकलौता स्थान है। जहां पैसेंजर्स टीन शेड के नीचे खड़े होकर अपनी बसों का इंतजार कर सकते हैं।
सीन-4, टाइम 12:34
झकरकटी बस अड्डे के एआरएम आफिस के सामने पैसेंजर्स के लिए 1 हजार लीटर की पानी की टंकी लगी हुई है। साथ ही पानी पीने के लिए आधा दर्जन टोटियां भी लगी हुई है लेकिन इन टोटियों से पानी नहीं निकलता है। यह कई माह से सूखी पड़ी हुई हैं। पैसेंजर्स यहां पानी की खाली बोतल लेकर बड़ी उम्मीद से पानी लेने आ रहे थे लेकिन पानी न निकलने पर मायूस होकर वापस लौटकर वेंडर्स से नकली पानी की बोतल 20 रुपए में खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे थे।
सीन-5 टाइम 12:43
झकरकटी बस अड्डे के एंट्री गेट पर ही कैंटीन, जीटी रोड में लगने वाला जाम का सबसे बड़ा कारण है। कैंटीन के कारण एंट्री गेट का रास्ता काफी सकरा हो गया है। जिसकी वजह से दो बसों के एंट्री करने से पैसेंजर्स के पैदल निकलने तक का रास्ता नहीं होता है। रोडवेज अधिकारी अब इस कैंटीन को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दें तो जीटी रोड में लगने वाले जाम से कानपुराइट्स को पूरी तरह से निजात मिल जाएगी।
डेटा पर एक नजर
- 40 हजार से अधिक पैसेंजर्स का डेली होता है आवागमन
- 01 हजार से अधिक बसों का आवागमन
- 30 एसी बसों का संचालन डेली झकरकटी से होता है
- 02 साल से वेटिंग रूम में एसी नहीं है
पैरलल ब्रिज का निर्माण होने से कुछ अव्यवस्थाएं बढ़ी है। एक दो दिन में झकरकटी परिसर का निरीक्षण कर पैसेंजर्स की सर्विस से संबंधित प्रॉब्लम्स को दूर कराऊंगा।
अनिल अग्रवाल, आरएम, रोडवेज कानपुर रीजन