- 15 जून तक इंटरस्टेट बस सर्विस पर रोके बावजूद डेली कानपुर से दूसरे राज्यों को जा रही हैं प्राइवेट बसें
-खुलेआम हो रही टिकट की बुकिंग, सचेंडी हादसे के बाद भी जिम्मेदार अफसर निभा रहे हैं ट्रैवेल एजेंसियों से याराना
KANPUR। टूर एंड ट्रैवेल्स एजेंसियों की बसों की अराजकता को रोकने की हिम्मत न पुलिस की है और न आरटीओ और रोडवेज अधिकारियों की। क्योंकि इन अधिकारियों के नेक्सेस से निजी बसों का जानलेवा खेल चल रहा है। ये हम यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि इसकी ठोस वजह है। सचेंडी हादसे में 18 लोगों की मौत के बाद भी निजी बसों की मनमानी जारी है। शासन से इंटरस्टेट बस सर्विस पर 15 जून तक रोक के बावजूद बसें दूसरे राज्यों को जा रही हैं। खुलेआम टिकट की बुकिंग भी हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर चुप बैठे हैं। हकीकत समाने लाने के लिए डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बाकायदा सूरत के लिए ऑनलाइन टिकट भी बुक किया।
डेली दो से तीन दर्जन
शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए शताब्दी और समय शताब्दी टूर एंड ट्रैवेल्स सहित अन्य बस सर्विस भी 12, 13, 14 व 15 जून की बुकिंग कर रही हैं। सचेंडी हादसे के बाद जब शासन ने सख्ती बरती तो आरटीओ अधिकारियों और टूर एंड ट्रैवेल्स एजेंसियों का गठजोड़ सबके सामने आ गया। घटना के पहले आरटीओ की ओर से अदर स्टेट चलने वाली किसी बस पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी। घटना के बाद जब शासन का हंटर चला तो अब डेली दो से तीन दर्जन ट्रैवेल्स कंपनियों की बसों का चालान किया जा रहा है।
बॉक्स
बहुत पुरान है भ्रष्टाचार का ये खेल
कानपुर में साल 2017 में आरटीओ प्रवर्तन पद पर तैनात सुनीता वर्मा के घर पर इनकम टैक्स की टीम ने छापेमारी की थी। टीम को इस दौरान लाखों रुपए नकद बरामद हुए थे। जांच टीम ने उनको और उनके पति को भ्रष्टाचार व इनकम टैक्स चोरी के आरोप में कार्रवाई की थी। छापेमारी में घर से एक डायरी भी मिली थी। जिसमें सिटी के बड़े टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसियों के नाम व उनसे लेन-देन का पूरा लेखा जोखा था। डायरी से खुलासा हो गया था कि टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियां आरटीओ अधिकारियों को हर माह लाखों रुपए पहुंचाते हैं। यहां से हिस्सा ऊपर तक जाता है।
मुंबई से लेकर सूरत तक
लॉकडाउन खत्म होने के बाद एक बार फिर मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, राजस्थान में काम करने वाले प्रवासी अपने काम को लौटने लगे हैं। ट्रेनों की संख्या कम होने की वजह से प्रवासियों को आसानी से रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा है। इस लिए बड़ी संख्या में प्रवासी प्राइवेट टूर एंड ट्रैवल्स बसों से ही जा रहे हैं। मौके को देखते हुए सिटी के बड़े ट्रैवल्स कंपनियों ने नियमों को ताख पर रखते हुए अपने टिकट बुकिंग सेंटर बसअड्डे के आसपास खोल रखे हैं।
बस अड्डे के अंदर भी गुर्गे
प्राइवेट बस संचालकों का सिंडीकेट झकरकटी बस अड्डे के अंदर तक सक्रिय है। जो बस अड्डे के अंदर से पैसेंजर्स 'खरीदते' हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के हाथ लगे एक वीडियों में साफ दिखाई व सुनाई दे रहा है कि सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, राजस्थान, महाराष्ट्र का एक पैसेंजर देने पर सिंडीकेट के गुर्गे 200 रुपए देते हैं। उसने साफ कहा कि सचेंडी में घटना के बाद सिर्फ दो ट्रैवेल्स वाले ही ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं।
15 जून तक इंटरस्टेट बस सर्विस पर शासन से रोक
2 ट्रैवल्स संचालक ऑनलाइन बुकिंग अभी भी कर रहे
20 के लगभग बसें डेली दूसरे राज्यों को जा रही हैं
50 फीसदी किराया बढ़ाया सचेंडी घटना के बाद
----
शताब्दी व समय शताब्दी की बसों में थर्सडे को ही कार्रवाई की गई है। हमारे दो एआरटीओ प्रवर्तन चेकिंग में लगे हुए हैं। रूट में बसें मिलने पर चालान किया जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग हो रही है तो इसकी जांच करा कार्रवाई की जाएगी।
राकेश सिंह, आरटीओ प्रवर्तन, कानपुर