-यूपीटीटीआई में बनाया गया है सेंटर, नए साल से स्टूडेंट्स कर सकेंगे स्टडी
-लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की हेल्प से स्टूडेंट्स को टैलेंटेड बनाने का होगा प्रयास
KANPUR: इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर से स्टूडेंट्स को स्किल्ड बनाया जाएगा। इससे उनको जॉब मिलने में भी आसानी होगी। यदि अपना बिजनेस शुरू करते हैं तो भी उसमें हर तरह की मदद मिलेगी। यूपीटीटीआई में दो करोड़ से यह सेंटर बनाया गया है। दरअसल, कोरोना काल में इनोवेशन की चाल थम सी गई थी जो अब फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है।
सपनों को कर सकेंगे पूरा
स्टूडेंट्स अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान में इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर तैयार किया गया है। यह ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां पर नए-नए प्रोडक्ट को डेवलप करने के लिए छोटे बड़े सभी प्रयोग कर सकेंगे। इसमें हाई लेवल कैपिसिटी वाले रिसर्च प्रोडक्ट लगाए गए हैं। यहां पर स्टूडेंट्स अपने स्टार्टअप शुरू करने के लिए किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट की तकनीकी जांच कर सकेंगे। यूपीटीटीआई में टेक्सटाइल इंजीनिय¨रग, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल केमिस्ट्री व मेनमेड फाइबर टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स के लिए सभी सुविधाएं होंगी जिनकी उन्हें दरकार रहती है।
ऐसे कपड़े बनाए जाने पर रिसर्च
यहां पर वह प्रोफेसर और इंडस्ट्री प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में अपनी सोच को धरातल पर उतारकर प्रोडक्ट तैयार कर सकेंगे। दो करोड़ के बजट से बनाया गया इस सेंटर के लिए एकेटीयू ने 61 लाख रुपए की ग्रांट दी है। संस्थान में स्मार्ट क्लॉथ, फायर प्रूफ क्लॉथ और मेडिकल क्लॉथ समेत अन्य क्षेत्रों के लिए ऐसे कपड़े बनाए जाने पर रिसर्च वर्क चल रहा है जिनकी जरूरत महसूस की जा रही है।
-अगले साल से स्टूडेंट्स के लिए खोल दिया जाएगा सेंटर
-स्टूडेंट शुरू कर सकेंगे अपना स्टार्टअप
-तकनीकी और वित्तीय मदद भी मिलेगी प्रोजेक्ट्स को
-दो करोड़ के बजट से बनाया गया है इनक्यूबेशन सेंटर
-61 लाख रुपए की ग्रांट एकेटीयू ने दी हे इसके लिए
-हाई लेवल कैपिसिटी वाले रिसर्च प्रोडक्ट लगाए गए हैं।
वायरस से बचाव का सुरक्षा चक्र बनाएंगे
यूपीटीटीआई के निदेशक प्रो। मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि संस्थान में ऐसे कपड़े विकसित किए जाने पर रिसर्च चल रही है जो समय की मांग बन चुकी है। वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षा दिलाने के लिए फाइबर क्लॉथ बनाए जाने के लिए टे¨स्टग लास्ट फेज में है। स्किन डिसीज से बचाव करने वाले कपड़ों के कुछ सैंपल बनाए गए हैं। इनोवेशन सेंटर में उनकी जांच अब बेहद आसान हो जाएगी।
सैंपल जांच के लिए बाहर भेज रहे
अभी तक ऐसे सैंपल को बाहर की लैब में भेजना पड़ रहा था। कई छात्र ऐसे फाइबर पर काम कर रहे हैं जिनसे बनने वाले कपड़े जाड़ा, गर्मी व बारिश प्रत्येक मौसम में मनुष्य के मित्र होंगे। इन सभी शोध परियोजनाओं पर अलग-अलग विभाग के प्रोफेसर व स्टूडेंट्स काम कर रहे हैं। इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर विकसित होने से रिसर्च वर्क को स्पीड मिलेगी।