कानपुर (ब्यूरो) पुलिस की बर्बरता का शिकार हुआ बलवंत अब इस दुनिया को अलविदा कह चुका है लेकिन बलवंत के मासूम दो बच्चे काव्या (3) व यश (1) अपलक तरीके से लोगों को निहार रहे थे। कई बार मां व दादी को रोता देख वह भी रोने लगते तो महिलाएं उन्हें संभालकर दूर ले जाती हैं। वहीं दरवाजे पर गाड़ी आता देख मासूम बच्चे तोतली आवाज में पापा पापा कहते बाहर निकल आते हैं। यह सब देख वहां मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखें नम हो जाती हैं। वही अपने बच्चों की आवाज को सुन बदहवास बच्चों की मां शालू मासूम बच्चों से कहती हुई नजर आती हैं कि पापा अब कभी नहीं आएंगे,पापा अब कभी नहीं आएंगे।
कोई हमारे पूत को लौटा दे
बलवंत की मां का रो-रो कर अपने बेटे को बुलाती हुई नजर आ रही है। कह रही है कि कोई तो लौटा दो हमारे पूत को कोई तो लौटा दो हमारे पूत को। मां की यह वेदना सुनकर घर हर किसी की आंखों में आंसू हैं। बदहवास पत्नी शालू अपने पति को याद कर होशो हवास खो बैठी है। वह बार-बार कहती कि थोड़ी देर में आने की बात कहकर रनियां गए थे, मुझे नहीं पता था कि अब वह कभी वापस नहीं आएंगे। मां और दादी को रोता देख हर बात से बेखबर मासूम बच्चे भी बीच-बीच में फफक कर रोने लगते हैं। वही मां कहती हुई नजर आती है आपके बिना इन दोनों मासूम बच्चों को हम कैसे पालेगी।