कानपुर(ब्यूरो)। सेंट्रल स्टेशन पर मारपीट की घटना से सबक लेकर उत्तर मध्य रेलवे ने घायलों और बीमार यात्रियों के त्वरित उपचार, चेन खींचने की घटनाएं रोकने, जीआरपी व रेल कर्मियों में समन्वय का खाका खींचा है। कार्यक्षेत्र की परवाह किए बिना कर्मचारी अब अधिकारियों के निर्देशन में काम करेंगे। ट्रेनों में बिना टिकट चलने, गंदगी फैलाने वालों को पकडऩे व बेवजह आपसी झगड़ों को दरकिनार किया जाएगा। इसके लिए रेल व जीआरपी अफसरों को समन्वय बनाने का जिम्मा सौंपा गया है।
पांच लोग किए गए थे निलंबित
10 दिन पूर्व सेंट्रल स्टेशन पर फतेहपुर जीआरपी थाना प्रभारी व रेल कर्मियों के बीच मारपीट की घटना ने तूल पकड़ लिया था। रेल कर्मचारियों ने ट्रेनों का संचालन तक ठप कर दिया था। जिससे लाखों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी थी। इसके बाद जीआरपी थाना प्रभारी समेत पांच लोग निलंबित किए गए थे। तीन तहरीर थाने में दी गई थीं। जांच समिति गठित की गई थी। इसी के तहत रेल प्रशासन, रेलवे सुरक्षा बल व राजकीय रेलवे पुलिस के बीच समन्वय बैठक मंडल रेल प्रबंधक की अध्यक्षता में हुई है। इस बैठक में उत्तर मध्य रेलवे के झांसी, आगरा मंडल के सभी स्टेशनों के अधिकारी भी जुड़े। तय हुआ कि यात्रियों को बेहतर सुविधा देना प्राथमिकता है।
ये लिए निर्णय
- टिकट जांचने वाले कर्मी, आरपीएफ व जीआरपी यात्रियों के लिए काम करें।
- रेल प्रशासन की छवि बेहतर करने की दिशा में आचरण करें व बेहतरी लाएं।
- ट्रेन में यात्रा करने वालों को एयरपोर्ट व एयरलाइन जैसा माहौल दें।
- किसी भी विपरीत परिस्थिति पर झगड़े के बजाय अधिकारियों को बताएं।
- बीच-बीच में बैठकों का आयोजन करके समस्याओं का हल निकाला जाए।
- जरूरत पडऩे पर संवाद करें और सहयोग की भावना बनाकर आगे बढ़ें।
रेल प्रशासन, जीआरपी व आरपीएफ के बीच समन्वय से यात्री सुविधा पर जोर दिया जाएगा। इससे सेंट्रल स्टेशन जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी और बेहतरी आएगी।
- अमित सिंह, रेलवे जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज।