दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव
- एनजीटी की सख्ती के बाद जारी किया गया नया सर्कुलर, विकास परियोजनाओं में ग्रीन बेल्ट के मानक भी किए गए तय
-इंडस्ट्रीज से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रीन बेल्ट कंपलसरी, कानपुर की 500 से ज्यादा इंडस्ट्रीज रेड कैटेगरी में
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KANPUR : शहर में प्रदूषण की बड़ी वजह बन चुकी इंडस्ट्रीज को बंद तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इनकी मनमानी पर नकेल कसने का काम शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत इंडस्ट्रीज को अब ग्रीन हाउस गैसेज के स्तर को कम करना होगा। इसके लिए यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने गाइडलाइन जारी करते हुए इंडस्ट्रीज के लिए ग्रीनरी डेवलप करने के मानक तय किए हैं। यही नहीं इंडस्ट्रियल एरिया, भवन निर्माण और विकास परियोजनाओं में भी ग्रीनरी डेवलप करने के लिए मानक तय कर दिए गए हैं।
रेड कैटेगरी में जाजमऊ और पनकी
शहर में पनकी, दादा नगर, मंधना, जाजमऊ और भाऊपुर इंडस्ट्रीज एरिया में शामिल हैं। इसमें जाजमऊ और पनकी रेड कैटेगरी में आते हैं। इन एरियाज में ग्रीन बेल्ट डेवलप करने और इंडस्ट्री कैंपस में 33 परसेंट तक पौधे लगाने होंगे। बड़े होने पर इनकी ऊंचाई 8 फीट से कम नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही प्रदूषण कम करने वाले पौधों की प्रजातियों को ही लगाना होगा, जिसके नाम भी तय किए गए हैं। वहीं उद्योग से निकलने वाले ट्रीट वाटर का यूज पौधों की सिंचाई में करना होगा। बताते चलें कि शहर में 500 से ज्यादा मेजर इंडस्ट्रीज मौजूद हैं। जहां से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैसों से वातावरण में एसओटू (सल्फर डाई ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ जाती है।
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इस प्रकार तय किए गए हैं मानक
रेड कैटेगरी
बड़ा एरिया- 200 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
मध्यम एरिया- 100 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
लघु एरिया-30 मीटर या कुल क्षे˜ाफल का 33 परसेंट
ऑरेंज कैटेगरी
बड़ा एरिया- 100 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
मध्यम एरिया- 30 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
ग्रीन कैटेगरी
सभी उद्योग- 10 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
इंडस्ट्रियल एरिया- 500 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
लैंडफिल- 200 मीटर या कुल क्षेत्रफल का 33 परसेंट
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इन पौधों की प्रजातियां की गई तय
पर्टिकुलेट मैटर के लिए
पेड़- केसिया, सेमिया, सिरस, चितवन, अमलताल, कदब, नीम, शीशम, महुआ, फाइकस
झाड़ी- कढ़ीपत्ता, ढाक, क्रोटन, टेकोमा, केसिया, ग्लूका
घास- बीयर्ड, घास, ब्लू स्टेम, बफैलो घास, अंबन, बर्डवुड घास।
सल्फर डाई ऑक्साइड के लिए
पेड़- महुआ, इमली, चितवन, सिरस, सेमल, बांस
झाड़ी- आंवला, ढाक, लैटाना।
घ्ास-बीयर्ड, ब्लूस्टेम, अंजन, बर्डवुड
नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के लिए
पेड़- चिलबिल, आम, सिरस, महुआ, जामुन, नीम, शीशम
झाड़ी-बीयर्ड, ब्लूस्टेम
घास-बफैलो घास, अंजन, बर्डवुड घास, गुरिया घास।
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इस प्रकार होगा मॉडल
ग्रीनबेल्ट व औद्योगिक क्षेत्र
-दोनों पौधों के बीच की दूरी-3 गुणा 3 मीटर
-छोटे पौधों, झाडि़यों को रोपने की दूरी-1 गुणा 1 मीटर
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इंडस्ट्रीज में पौधों को लगाने के लिए कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए यह गाइडलाइन जारी की गई हैं। 33 परसेंट एरिया में निर्धारित पौधों को लगाना होगा।
-कुलदीप मिश्रा, सीईओ कानपुर मंडल, उ.प्र। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।