अफ़ग़ानिस्तान ने भारत को पहले हाफ़ में काफ़ी छकाया मगर दूसरे हाफ़ में सिर्फ़ 10 सदस्यों के साथ अफ़ग़ान टीम भारतीय आक्रमण का सामना नहीं कर सकी और महज़ नौ मिनट के अंदर तीन गोल खाकर मैच पर से नियंत्रण खो बैठी।
कोई भी टीम पहले हाफ़ में गोल नहीं कर सकी थी मगर अफ़ग़ान टीम भारतीय हाफ़ में ही जैसे डेरा जमा चुकी थी। भारतीय डिफ़ेंडर पहले हाफ़ में काफ़ी मेहनत करते दिखे और अफ़ग़ानिस्तान ने अच्छा आक्रामक खेल भी दिखाया।
दूसरे हाफ़ में भी 70वें मिनट तक स्कोर लाइन 0-0 थी। मगर उस समय भारत को मिली पेनल्टी से नाराज़ अफ़ग़ान गोलकीपर कप्तान हमीदुल्ला यूसुफ़ज़री इस फ़ैसले से इतना नाराज़ हुए कि लाल कार्ड पाकर मैदान से बाहर जा बैठे।
इसके बाद तो भारतीय टीम को रोकना जैसे मुश्किल सा हो गया। सुनील छेत्री ने उस समय पेनल्टी को गोल में बदलने में कोई गड़बड़ी नहीं की। इस तरह छेत्री ने इस टूर्नामेंट में कुल सात गोल करके एक सैफ़ चैंपियनशिप में सर्वाधिक छह गोल करने के भारतीय आईएम विजयन का 14 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सात मिनट बाद क्लिफ़र्ड मिरांडा ने और उसके दो ही मिनट बाद जेज लालपेकलुआ ने गोल करके अफ़ग़ानिस्तान की वापसी की सारी उम्मीदें तोड़ दीं। भारत की ओर से चौथा गोल सुशील सिंह ने 94वें मिनट में किया। इस तरह भारत 4-0 से ख़िताब बरक़रार रखने में क़ामयाब रहा।
International News inextlive from World News Desk