कानपुर (ब्यूरो) 12 दिसंबर को रनियां थाने में व्यापारी बलवंत ङ्क्षसह की पुलिसकर्मियों व एसओजी टीम के लोगों ने जमकर पिटाई की थी इससे उनकी मौत हो गई थी। बलवंत का शव पुलिसकर्मी जिला अस्पताल में छोडक़र भाग निकले थे। मामले में हत्या का मुकदमा एसओजी टीम व उस समय रनियां व शिवली थाना प्रभारी पर हुआ था। जांच एसआईटी कन्नौज को दी गई थी। इस पर एसआईटी ने हत्या की धारा की जगह गैराइरादतन हत्या की धारा में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था।
गैर इरादन हत्या का चल रहा था केस
तत्कालीन थाना प्रभारी रनियां शिवप्रकाश ङ्क्षसह व एसओजी के सिपाही महेश गुप्ता और जिला अस्पताल के डाक्टर को क्लिन चिट दे दी थी। मामले में वादी पक्ष से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि न्यायालय ने एसआईटी की विवेचना व नाम हटाए जाने को लेकर दूषित विवेचना माना और रनियां के तत्कालीन एसओ, सिपाही व पूर्व से जेल में बंद आरोपितों तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश ङ्क्षसह, दारोगा ज्ञानप्रकाश पांडेय, एसओजी प्रभारी रहे प्रशांत गौतम, विनोद कुमार, दुर्गेश कुमार, सोनू यादव, अनुज कुमार व प्रशांत पांडेय पर हत्या, आपराधिक षडय़ंत्र रचने, बलवा गालीगलौज व धमकाने की धारा में मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया है।
साक्ष्यों के संकलन में
अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप ङ्क्षसह चौहान का कहना है कि विवेचना को पढऩे से ही प्रतीत होता है कि दोषियों को बचाने का काम किया गया है और जानबूझकर साक्ष्यों के संकलन में कोताही बरती गई है.अब आरोपियों को बुधवार को कोर्ट ने तलब किया है जिसमें बदली धारा में रिमांड लिया जाएगा। इसके अलावा सोनू यादव का जमानत प्रार्थनापत्र जिलाजज की कोर्ट में गैराइरादतन हत्या में दाखिल किया गया है। पीडि़त परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
बलवंत के शरीर पर मिली थी 31 चोट
बलवंत की पिटाई रस्सी से बांधकर की गई थी। पोस्टमार्टम में कुल 31 चोट मिली थी व पूरा शरीर काला पड़ गया था। बलवंत के चाचा व मुकदमा कराने वाले अंगद ङ्क्षसह का कहना है कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि आरोपितों को कड़ी सजा मिलेगी। इसके बाद ही उनके परिवार को संतुष्टि मिल पाएगी।