कानपुर (ब्यूरो)। याद रखें कि इस देश में गरीबी को हल करने का एकमात्र तरीका अच्छी इनकम के साथ ढेर सारी जॉब अपारच्युनिटी लाना है।इसके लिए एंटरप्रेन्योरशिप की आवश्यकता है। आप में से कुछ लोग एंटरप्रेन्योर बन सकते हैं और जॉब अपारच्युनिटी ला सकते हैैं। याद रखें कि हमारी अधिकांश समस्याओं का समाधान हमारे भीतर ही छिपा है। यह बातें मंडे को आईआईटी के 56वें कान्वोकेशन में चीफ गेस्ट और इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने कहीं। कान्वोकेशन में 2127 स्टूडेंट्स को डिग्रियां दी गई। प्रोग्राम की अध्यक्षता आईआईटी बीओजी के चेयरमैन डॉ। राधाकृष्णन के कोप्पिलिल ने की। मंच पर डायरेक्टर प्रो। अभय करंदीकर और बीओजी के मेंबर्स मौजूद रहे। डायरेक्टर प्रो। करंदीकर ने आईआईटी की एनुअल रिपोर्ट को सबके सामने रखा। बताया कि आईआईटी में इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) स्टडीज को लेकर रिसर्च स्टार्ट हो गई है।आने वाले सालों में यह आईकेएस का लीडर बनेगा।
इनको मिले मेडल्स
कॉन्वोकेशन में सीएसई डिपार्टमेंट के बीटेक स्टूडेंट फरजान आदिल बायरामजी को बेस्ट माक्र्स लाने पर प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इनके अलावा बीएसबीई और सीएसई डिपार्टमेंट से डबल मेजर करने वाले लक्ष्य रस्तोगी और सीएसई डिपार्टमेंट से बीटेक करने वाली अनन्या गुप्ता को डायरेक्टर गोल्ड मेडल मिला। इनके अलावा मैटेरियल साइंस एंड इकोनॉमिक्स से डबल मेजर करने वाली नंदिता गुप्ता को रतन स्वरुप मेमोरियल और इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से पीएचडी करने वाले विनीथ वी को डॉ। शंकर दयाल शर्मा मेडल मिला है। इनके अलावा अलग अलग क्षेत्रों में कुछ कर दिखाने वाले कई स्टूडेंट्स को अवार्ड और मेडल दिए गए।
मेहनत रुकी नहीं तो आप भी बड़ा नाम कमाएंगे
आईआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (बीओजी) के चेयरमैन डॉ। राधाकृष्णन ने कहा कि आज आप सभी को जो डिग्री मिली है वह आपकी मेहनत का फल है। आज का दिन आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है और आपको इसी मेहनत और लगन के साथ अब आगे बढऩा है। आज आईआईटी के स्टूडेंट पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। आपको भी ऐसा ही करके दिखाना है। यदि आपकी मेहनत रुकी नहीं तो आप भी एक दिन बड़ा नाम कमाएंगे।
मेडल पाने वालों से बातचीत
जो मन करें वही स्ट्रीम चुनें मिलेगी सक्सेस
कान्वोकेशन में सीएसई डिपार्टमेंट से बीटेक करने वाले फरजान आदिल बायरामजी को प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल मिला है। बताया कि आपका जिस चीज में मन करे उसी स्ट्रीम को लेकर स्टडी करें। ऐसा करने से सक्सेस मिलना आसान हो जाता है। यह पीएचडी करके रिसर्च फील्ड में जाना चाहते हैैं। इनके पिता आदिल इंडस्ट्रीयल केमिकल के बिजनेस मैन और मां कश्मीरा बिजनेस वूमेन हैैं। इन्होंने 2018 में शीलिंग हाउस स्कूल से 12वीं की परीक्षा को पास किया है। यह कानपुर के सिविल लाइंस के रहने वाले हैैं।
हार्ड वर्क का कोई रिप्लेसमेंट नहीं
बीएसबीई और सीएसई डिपार्टमेंट से डबल मेजर कोर्स करने वाले लक्ष्य रस्तोगी को डायरेक्टर गोल्ड मेडल मिला है। इनका कहना है कि हार्ड वर्क का कोई रिप्लेसमेंट नहीं होता है। जब आप सफलता की तरफ बढ़ते हैं तो कई कठिनाइयां आपके सामने आती है। यही संघर्ष आपको सफलता तक पहुंचाता है। उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले लक्ष्य के पिता डॉ। प्रदीप रस्तोगी और डॉ। रुचि रस्तोगी चिकित्सक है। बताया कि यूएसए की कंपनी ने 22 लाख का पैकेज दिया है। 3 साल नौकरी करने के बाद एमबीए करुंगा।
मुश्किल से ज्यादा फन में करें पढ़ाई
सीएसई डिपार्टमेंट से बीटेक करने वाली अनन्या गुप्ता को डायरेक्टर गोल्ड मेडल दिया गया है। इनका कहना है कि पढ़ाई को कभी मुश्किल न समझें हमेशा फन में पढा़ई करें। ऐसा करने से कई मुश्किल हालात भी आसान हो जाते हैैं। दिल्ली की रहने वाली अनन्या ने बताया कि पिता अनुज गुप्ता इंजीनियर और मां मोनिका गुप्ता डॉक्टर है, लेकिन मैंने इंजीनियरिंग लाइन में जाना ज्यादा पसंद किया। इनको गुडग़ांव की एक कंपनी में 18 लाख सालाना के पैकेज पर जॉब मिली है। बताया कि कैंपस में स्टडी के दौरान टेनिस भी खेला है। ऐसा करने से माइंड रिलैक्स रहता है।
कैंपस से मिला पूरा सपोर्ट
इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से पीएचडी करने वाले विनीथ वी को डॉ। शंकर दयाल शर्मा मेडल देकर सम्मानित किया गया है। केरल के पालकाट निवासी विनीत वी ने कहा कि मैं बाहर का जरूर था लेकिन कैंपस में आने के बाद कभी बाहर रहने की फीलिंग नहीं आई। यहां पर हर तरह का माहौल देखा और बहुत कुछ सीखने को मिला। इनकी पत्नी डॉ। देविका डेंटिस्ट हैैं। इनके पिता विजय राघवन रिटायर्ड गवर्नमेंट एम्पलाई और मां प्रसन्ना टीचर हैैं। इन्होंने पावर सिस्टम आप्टिमाइजेशन में रिसर्च की है।
18 लाख सालाना का पैकेज छोड़ा अब सिविल सर्विसेज की करेंगी तैयारी
मैटेरियल साइंस एंड इकोनॉमिक्स से डबल मेजर करने वाली नंदिता गुप्ता को रतन स्वरूप मेमोरियल प्राइज मिला है। बताया कि कैंपस प्लेसमेंट में इनको 18 लाख सालाना का पैकेज मिला है। लेकिन वह नौकरी को ज्वाइन न करके सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैैं। मुंबई निवासी नंदिता ने कहा कि पिता निर्भय गुप्ता इंजीनियर और मां बरखा हाउसवाइफ है। स्टडी के मामले में बताया कि हर पड़ाव पर आईआईटी ने एकेडमिक और हर तरह से उनका सपोर्ट किया है। इस कैंपस में जो समय काटा वह पता ही नहीं चला।