कानपुर (ब्यूरो)। मांयह महज एक शब्द नहीं, बल्कि पूरी दुनिया है। क्योंकि किसी को जीवन देने की शक्ति एक मां में ही है। लेकिन समय के साथ मां की ममता शायद मर गई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीते 25 दिनों में तीन मां हैलट हॉस्पिटल में बच्ची को जन्म देने के बाद उन्हें छोड़कर भाग गईं। ये सभी बच्चे प्री मेच्योर हैं और एनआईसीयू में जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ रहे हैं। चौंकाने वाली बात है कि जब इनके बारे में हॉस्पिटल में जानकारी का प्रयास किया तो पता चला कि इनके नाम और एड्रेस गलत हैं। ऐसे में हॉस्पिटल प्रशासन इनको बचाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं।

पुलिस टरकाती रही, आईनेक्स्ट ने ढंूढ निकाली मां

25 अक्टूबर को 45 वर्षीय अनीता एक बेटी को जन्म देने के बाद लापता हो गई। हॉस्पिटल प्रशासन महिला के वोटर आईडी कार्ड के माध्यम से उसकी खोज कराने के लिए हैलट पुलिस चौकी के कई चक्कर काट चुका है, लेकिन पुलिस ने हर बार टरका दिया। नवजात बच्ची की मां का वोटर कार्ड हॉस्पिटल में होने की जानकारी दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को मिली तो बच्ची की मां की तलाश करते हुए टीम वोटर आईडी के पते पर पहुंची और मां की जानकारी की। हालांकि वोटर आईडी में दिए एड्रेस पर अब नवजात की मां नहीं रह रही है।

इमलीपुर बिधनू की रहने वाली है महिला

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम इमलीपुर पहुंची और प्रधान सूरज कुमार से बातचीत की। प्रधान ने बताया कि वोटर आईडी में जो महिला है। उसका पति व बेटे अभी भी इसी गांव में रहते है लेकिन उसकी पत्नी उसको सालों पहले छोड़ कर कहीं चली गई थी। उसके बाद वह आज तक वापस गांव नहीं लौटी है। वहीं महिला के पति ने भी बताया कि उसकी पत्नी वर्तमान में कहां और किसके साथ रह रही है। उसको उसकी जानकारी नहीं हैं।


चार साल का बेटा भी है उसके साथ

हैलट के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के सीएमएस डॉ। विनय कटियार ने बताया कि जानकारी मिली है कि महिला हॉस्पिटल में 25 अक्टूबर को एडमिट हुई थी। उसके साथ एक चार साल के लड़के के अलावा कोई नहीं था। चार साल का बच्चा उसका बेटा है। महिला ने हॉस्पिटल में एक बेटी का जन्म दिया और तीन दिन के बाद बच्चे को एनआईसीयू में छोड़ कर भाग गई।


गोद लेने की आस में हॉस्पिटल पहुंच रहे दर्जनों लोग

हॉस्पिटल में ऐसे बच्चों का लालन पालन करने वाली सीनियर सिस्टर राजकुमारी ने बताया कि वर्तमान में तीन लावारिस बच्चियां हॉस्पिटल में हैं। एक बच्ची तो फ्राइडे की सुबह ही नजीराबाद थाने की पुलिस ने एडमिट कराया है। जैसे की न्यूज पेपर में सिटी में कोई लावारिस बच्चा मिलने की खबर आती है तो उसको एडॉप्ट करने की आस लेकर दर्जनों कपल यहां आते हैं। जिसको चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन कराने की जानकारी दी जाती है। जहां से नियमानुसार वह किसी लावारिस बच्चे को एडॉप्ट कर सकते हैं।

बच्ची की मां की तलाश के लिए स्थानीय पुलिस को लेटर भेजा गया लेकिन वह रिसीव नहीं कर रहे हैं। अब बाल कल्याण समिति को इसकी जानकारी दी जाएगी।
डॉ। विनय कटियार, सीएमएस, पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट