- मिक्सोपैथी के खिलाफ आईएमए की स्ट्राइक का प्राइवेट मेडिकल सर्विसेस पर दिखा असर, आईडीए ने भी किया सपोर्ट

KANPUR: केंद्र सरकार के आयुर्वेद की पढ़ाई में सर्जरी के कोर्स को शामिल करने के फैसले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 24 घंटे की स्ट्राइक का फ्राईडे को मिला जुला असर दिखा। ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं। साथ ही इलेक्टिव ऑपरेशन भी टाल दिए गए। हालांकि कई जगहों पर डॉक्टर्स के क्लीनिक खुले भी दिखे। डायग्नोस्टिक सेंटर्स और पैथोलॉजी में भी काम होता रहा। वहीं दोपहर के वक्त आईएमए भवन में इकट्ठा हुए पदाधिकारियों ने मिक्सोपैथी को लेकर विराेध जताया।

फैसला पेशेंट्स के हित में नहीं

आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। नीलम मिश्र ने बताया कि यह फैसला पेशेंट्स के हित में नहीं है। इससे न सिर्फ मार्डन मेडिसिन की पढ़ाई की क्वॉलिटी गिरेगी बल्कि डॉक्टर्स पर भी खराब असर पड़ेगा। इस दौरान आईएमए की एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ। एसके मिश्र ने भी इस फैसले को मार्डन मेडिसिन में खिचड़ीतंत्र को बढ़ावा देने वाला बताया। आईएमए कानपुर के सेकेट्री डॉ। दिनेश सचान, पूर्व अध्यक्ष डॉ। वीसी रस्तोगी, डॉ। देवेंद्र लालचंदानी, डॉ.अर्चना भदौरिया, डॉ.बृजेंद्र शुक्ला, डॉ। राजेश भदौरिया, डॉ। राजीव चित्रांशी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। आईडीए कानपुर के सेकेट्री डॉ। श्रवण सिंह ने बताया कि ज्यादातर डेंटिस्ट्स ने अपने क्लीनिक बंद रखे।