कानपुर (ब्यूरो)। लखनऊ-कानपुर हाईवे इंट्री प्वाइंट पर स्मूद ट्रैफिक के लिए प्रशासन, नगर निगम समेत कई विभाग जुटे हुए हैं। साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च कर रामादेवी चौराहे के ब्यूटीफिकेशन के लिए कई नए बदलाव भी किए जा रहे हैं। वहां से थोक व फुटकर सब्जी मंडी को भी हटा दिया गया है, हालांकि रामादेवी हाईवे के नीचे ग्रीन बेल्ट में बने अवैध ऑटो-टैैंपो स्टैैंड पर जिम्मेदार विभागों की निगाह नहीं पड़ रही है, जबकि अवैध स्टैैंड व ई रिक्शा की वजह से रामादेवी चौराहे पर हर दिन जाम से लोगों को जूझना पड़ता है।
ग्रीन बेल्ट पर चार जगह कब्जे
जाजमऊ से रामादेवी चौराहे से नौबस्ता रोड लखनऊ हाईवे ओवर ब्रिज के नीचे ग्रीन बेल्ट में लोहे की रेलिंग को चार जगहों पर काट कर वहां ऑटो टैैंपो अवैध स्टैैंड बना दिया गया है। यहीं नहीं रामादेवी चौराहे से डग्गामारी कर वसूली का खेल भी चल रहा है। ई रिक्शा, ऑटो, टैैंपो, टैक्सी, मैजिक, वैन व बसे डग्गामारी कर जाम की स्थिति बना रहे है। यह हर दिन की तस्वीर है, जबकि जाजमऊ हाईवे से सिटी में इंट्री करने वाले व्हीकल जाम में फंसते हैं, जिनकी मेन वजह अवैध स्टैैंड है।
अवैध स्टैैंड नहीं हटा सके
प्रशासन, नगर निगम व अन्य विभाग रामादेवी चौराहे के सौंदर्यीकरण के साथ ही वहां ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी में हंै। इसके लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार है। सितंबर माह तक काम पूरा होना है। हाईवे के दोनों तरफ स्लिप रोड बनाई जानी है। इसके लिए ओवर ब्रिज के नीचे लगने वाली थोक व फुटकार सब्जी मंडी को भी हटा दिया गया और 80 लाख रुपये की लागत से रोड पर पडऩे वाले बिजली के खंभे व ट्रांसफॉर्मर को भी शिफ्ट किया जा रहा है।
नगर निगम तलाश कर रहा जमीन
एक तरफ नगर निगम ग्रीन बेल्ट डेवलप करने के लिए जमीन तलाश रहा और दूसरी तरफ फ्लाईओवर के नीचे करीब चार किमी की ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जा है। इस ग्रीन बेल्ट पर न केवल हजारों की संख्या में पौधरोपण किया जा सकता है, बल्कि ग्रीनरी से सिटी के इंट्री प्वाइंट के सौंदर्यीकरण के साथ प्रदूषण लेबल कम किया जा सकता है।
जिम्मेदारों ने मूंद रखी है आंखें
ग्रीन बेल्ट पर अवैध स्टैैंड चल रहा है। यह हर किसी को नजर आ रहा है। रामादेवी चौराहे पर इसकी वजह से हर दिन जाम भी लगता है। यह भी हर किसी को नजर आ रहा है, पर जिम्मेदार विभाग ही आंखे मूंदे बैठा है। न तो उसे जाम नजर आता है और न ही ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जा।