कानपुर (ब्यूरो) वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने मीटिंग करके टीम को वोकेशनल कोर्स और मॉड्यूल बनाने के निर्देश दिए गए हैैं। न्यू सेशन से पहले आईकेएस के मॉड्यूल और वोकेशनल कोर्स को रेडी करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बना दी गई है। कमेटी को आईकेएस के पैटर्न पर वोकेशनल कोर्स बनाने हैैं। साथ में यह भी तय करना है कि किस तरह से आईकेएस के मॉडल को यूनिवर्सिटी में लागू किया जाएगा। इस काम के लिए भी वर्क प्लान बनाना है।
ये सब्जेक्ट शामिल
आईकेएस में उन सब्जेक्ट्स को शामिल किया जा रहा है, जिनमें हमारे देश ने पुरातन काल में कुछ छाप छोड़ी है या फिर जिन सब्जेक्ट्स की उत्पत्ति अपने देश से हुई है। शुरुआत में वैदिक गणित, इंडियन म्यूजिक, सोशल साइंस और ज्योतिष समेत कई विषयों पर यूनिवर्सिटी में काम होगा। इन विषयों पर आधारित वोकेशनल कोर्स बनाने का काम भी स्टार्ट हो गया है।
रिसर्च भी होगी
यूनिवर्सिटी कैंपस में दीनदयाल शोध केंद्र में आईकेएस का सेंटर बनाया जाएगा। आईकेएस के वोकेशनल कोर्स भी इसी सेंटर से चलेंगे। इसके अलावा इंडियन नॉलेज से जुड़े सब्जेक्ट्स पर रिसर्च भी की जाएगी। वोकेशनल कोर्स यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को पढऩे के लिए अवेलेबल होंगे। इस कोर्स को करने वालों को यूनिवर्सिटी के आईकेएस सेंटर का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। सेंटर में वर्कशॉप आदि का आयोजन भी होगा, जिसमें कोई भी स्टूडेंट प्रतिभाग कर सकता है।
क्या है आईकेएस
आईकेएस सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ एजूकेशन के एआईसीटीई का एक डिवीजन है। इसमें संस्कृत, इंडियन कल्चर, सोशल साइंस, इनवायरमेंट, साइंस और इकोनामिक्स समेत कई सब्जेक्ट्स पर कोर्स चलाए जाते हैैं। इन कोर्सों में कंटेंट और स्टडी मैटेरियल को इंडियन नॉलेज से लिया गया है। आईकेएस में वोकेशनल कोर्स, वर्कशाप, रिसर्च और इंटर्नशिप समेत कई चीजों को शामिल किया गया है।
कोट
यूनिवर्सिटी में आईकेएस सिस्टम पर काम किया जाएगा। दीनदयाल शोध केंद्र में आईकेएस सेंटर बनेगा और वोकेशनल कोर्सेज को चलाया जाएगा। इसके अलावा रिसर्च होगी। कमेटी बना दी गई है। न्यू सेशन से वोकेशनल कोर्स स्टार्ट हो जाएंगे।
प्रो। विनय कुमार पाठक, वीसी, सीएसजेएमयू