कानपुर (ब्यूरो) पिता के मुताबिक आआईटी प्रबंधन इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। पिता ने कहा कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि जल्दी पोस्टमार्टम हो और वह शव लेकर वाराणासी निकल जाएं। उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह परिवार जब पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो उन्होंने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिये। मामला अधिकारियों तक पहुंचा और जिसके बाद प्रशांत का पोस्टमार्टम को पैनल से कराने का निर्णय लिया गया।
ऐसा किसी और के साथ न हो
बेटी की मौत से व्यथित प्रदीप सिंह ने कहा कि 'मैं एक एक तथ्य जानना चाहता हूं। मेरे साथ जो हुआ वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए.Ó पिता ने बताया कि प्रशांत 2019 से आईआईटी में पढ़ाई कर रहा था, अब तक कुछ भी नहीं हुआ। प्रदीप का बड़ा बेटा प्रवीन सिंह बंगलुरू में इंजीनियर है। वह भी अपने भाई की मौत की खबर सुनकर दोपहर तक कानपुर आ गया था।
हमने एक महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक खो दिया
प्रशांत की मौत पर आईआईटी ने एक शोक संदेश जारी करते हुए लिखा है 'बड़े गहरे खेद के साथ, आईआईटी कानपुर अपने एक पीएचडी छात्र के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त करता है। यह घटना 6 सितंबर 2022 को रात करीब 8:30 बजे की है। हॉल 8 के एक छात्र ने संस्थान के सुरक्षा अनुभाग को फोन करके बताया कि प्रशांत सिंह का कमरा अंदर से बंद है और कई बार दस्तक देने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जब संस्थान के प्रशासकों ने जबरन दरवाजा खोला तो देखा कि श्री प्रशांत सिंह बेडशीट के सहारे छत से लटके हुए हैं। उसे तुरंत संस्थान के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां ऑनकॉल चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रशांत के परिवार और पुलिस को इसकी सूचना दी गई। घटना के तुरंत बाद ही पुलिस फोरेंसिक टीम के साथ संस्थान पहुंची और जांच शुरू की। उसकी आत्महत्या के पीछे संभावित कारण का पता लगाने के लिए संस्थान पुलिस जांच का इंतजार कर रहा है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र प्रशांत ने 2021 में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला लेने का निर्णय लेने से पहले अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए 2019 में आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया था। उनके निधन के साथ, संस्थान ने एक प्रतिभाशाली छात्र और महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक खो दिया।